अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग लगाई गई जनहित याचिकाओं में आज यानि 15 मई को सुनवाई होगी। इससे पहले 12 मई को सुनवाई हुई थी जिसमें सेबी ने जांच के लिए 6 महीने का एक्सट्रा समय मांगा था। लेकिन चीफ जस्टिस डीयाई चंद्रचूड़ ने मना कर दिया था। उन्होनें कहा कि इतना समय देना सही नहीं है।
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SEBI ने मांगा था 6 महीने का समय
पिछली सुनवाई में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानि सेबी ने अपनी जांच के लिए 6 महीने का एक्स्ट्रा टाइम मांगा था। जिस पर चीफ जस्टिस डीयाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम 6 महीने का समय नहीं दे सकते। सुनवाई को समय पर पूरी करने के लिए काम को तेजी से करना जरुरी है। आपके पास 3 महीने का समय है। तीन महीनों में अपनी जांच पूरी करे और वापस आ जाएं। इसके बाद उन्होने कहा कि हम अगस्त माह
में मामले को लिस्ट कर सकते है। इसी के चलते 15 मई की सुनवाई में समय बढाने को लेकर भी कोर्ट आदेश सुना सकता है।
4 जनहित याचिकाएं हुई थी दायर
इस मामले में कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाकर 2 महीने के अंदर रिपोर्ट देने का कहा था। इस कमेटी ने 8 मई को बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट मिलने के बाद सीजेआई ने कहा कि जस्टिस सप्रे की रिपोर्ट आ गई है जिसे वीकेंड पर देखी जाएगी। अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में एडवोकेट एम एल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और सोशल वर्कर मुकेश कुमार ने 4 जनहित याचिकाएं दायर की थी।
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इन याचिकाओं में कहा गया कि हिंडनबर्ग ने शेयरों को शॉर्ट सेल किया जिससे निवेशकों को काफी नुकसान हुआ था। इस मामले में पहली सुनवाई 10 फरवरी को हुई थी। छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के मौजूदा रेग्युलेटरी मैकेनिज्म की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अगुवाई में कमेटी का गठन किया था।