राजस्थान के संगीत कला दुनिया (Rajasthan Gafruddin Mewati Jogi 2024) भर में बहुत ज्यादा पसंद की जाती है और ऐसे ही एक कलाकर को अब राष्ट्रपति सम्मानित करने जा रही है। दुनिया के इकलौते कलाकार ‘पांडुन का कड़ा’ गाने वाले गफरुद्दीन मेवाती जोगी को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा। गफरुद्दीन ने सात साल की उम्र में पांडुन का कड़ा गाना शुरू किया था और आज भी वह इसका गायान कर रहे है। गफरूद्दीन पांडुन का कड़ा के सभी दोहे जानते हैं और वह अपनी इस कला को दुनिया भर पेश कर चुके हैं
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संगीत नाटक अकादमी दिल्ली में गफरुद्दीन जोगी अन्तरराष्ट्रीय लोक कलाकार/भपंग वादक कलाकार को राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित किया जाएगा। डीग जिला मेवात के यह पहले ऐसे भपंग वादक (Rajasthan Gafruddin Mewati Jogi 2024) कलाकार होंगे जिनको संगीत नाटक अकादमी फेलेसिप के द्वारा सम्मनित किया जा रहा है।
गफरुद्दीन जोगी का परिचय
गफरुद्दीन जोगी पांडुन का कड़ा लोक गायक हैं और (Rajasthan Gafruddin Mewati Jogi 2024) इनका जन्म डीग ज़िले के गांव कैथवाड़ा, पहाड़ी के मेवाती जोगी समुदाय में हुआ था। इनके पिता बुद्ध सिंह जोगी भी सारंगी के वादक के अच्छे कलाकार थे।
हिन्दू-मुस्लिम संस्कृति का मिश्रण
मेवात के जोगी खुद को मुस्लिम मानते हैं और महाभारत के गीत और अन्य हिंदू देवताओं के बारे में कहानियां सुनाते हैं। हिंदू और मुस्लिम प्रथाओं का मिश्रण इस संस्कृति का बहुत ज्यादा योगदान रहा है।
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पांडुन का कड़ा बहुत लोकप्रिय है
मेवाती जोगी ने अपने पिता बुद्ध सिंह जोगी के साथ पांडुन का कड़ा गाना सीखा था। (Rajasthan Gafruddin Mewati Jogi 2024) वर्तमान में जीवित एकमात्र व्यक्ति हैं जो पांडुन का कड़ा के सभी 2,500 से ज्यादा दोहे जानते हैं। आने वाले समय में वह इसकी जिम्मेदरी अपने बेटे शाहरुख खान मेवाती जोगी को देंगे।