चार धाम के बाद अब खुलने जा रहे हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत उत्तराखंड के धार्मिक और दर्शनीय स्थलों के साथ अब हेमकुंड साहिब के कपाट भी खुलने की तैयारी जोर शोर से शुरु हो गई है। मान्यता है कि सिखों के अंतिम गुरु गोविंद सिंह ने इस स्थल पर लंबे समय तक तपस्या की।
आगामी 20 मई को श्रद्धालुओं के लिए हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिए जाएंगे
कैसा है मौसम?
हेमकुंड साहिब में भी बर्फबारी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वहां 7 से 8 फीट बर्फ बारी देखी जा रही है। इसके चलते छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यात्रा रोक दी गई है। 17 मई से ऋषिकेश से श्रद्धालुओं का पहला जत्था हेमकुंड रवाना होगा।
खराब मौसम और हिमस्खलन ऐवेलॉन्च जैसी दुर्घटनाओं से बचाने के लिए पुलिस व प्रशासन सतर्क हो चुकी है। संवेदनशील स्थानों पर एसडीआरएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी में श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंच सकते हैं।
फिलहाल अत्यधिक बर्फबारी के चलते सीमित संख्या में ही श्रद्धालु हेमकुंड जा सकेंगे। जिला प्रशासन के निर्देश के अनुसार यात्रियों, बच्चों और पर्यटकों के लिए पर्याप्त रखरखाव की व्यवस्था की गई है। क्योंकि यह एक संवेदनशील स्थल है। ऐसे में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
आपको बता दें, हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने से पहले ही जिलाधिकारी और एसपी ने वहां दौरा किया। करीब 18 किलोमीटर पैदल यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। व्यवस्थाओं की जांच पड़ताल हुई। सेना के जवानों को बर्फ हटाने तथा।श्रद्धालुओं का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। देश के विभिन्न भागों से अनेक श्रद्धालु हेमकुंड साहब पहुंचेंगे यह सिक्खों का पवित्र तीर्थ स्थल है।