8 March Women Day 2024: 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है और इसी क्रम में हम आपको राजस्थान की कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताने जा रहे है जिनके कारण प्रदेश का मान बढ़ा है। ऐसी महिला राजस्थानी गीत संगीत कि खुशबू पूरे विश्व में बिखरने वाली मरु कोकिला के नाम से विश्वविख्यात सीमा मिश्रा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। मिश्रा ने अभी तक 2 हजार से ज्यादा राजस्थानी गानों को गाकर राजस्थानी गीत संगीत को नई पहचान दिलाई है।
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सीमा मिश्रा का जीवन परिचय
सीमा मिश्रा का जन्म 3 नवंबर, 1976 को राजस्थान के झुंझनू जिले के बिसाऊ में हुआ था। उनके पिता जॉब करते थे और उनका नाम शांतिकुमार मिश्रा था। (8 March Women Day 2024) माता का नाम लक्ष्मी मिश्रा है और 5 बहन भाई हैं। 8वीं तक की पढ़ाई कोटा में हुई। पिता की जॉब जाने के बाद वे रामगढ़ आ गई और 1995 के अंदर वे जयपुर चली गई।
बिग ब्रेक वीणा कैसेट की तरफ से मिला
जयपुर में स्टेज शो करते करते सीमा को पहला बिग ब्रेक वीणा कैसेट की तरफ से मिला था। चांद चढ्यो गिगनार एल्बम ने उनकी जिंदगी बदल दी। 2000 से 2010 तक सीमा मिश्रा ने लोक गीतों की झड़ी लगा दी और दर्जनों एल्बम में उनकी आवाज लोगों को पसंद आने लगी।
पहला ओडियो केसिट
सीमा का सबसे पहला ओडियो कैसिट सन 1993 के अंदर फतेहपूर के दो जांटी बालाजी का निकला था। वह काफी पसंद किया गया था और इसी वजह से उनको आगे बढ़ने की प्रेरणा भी मिली। आओ बालाजी मम्हारे आंगणे लोगों को बहुत पसंद आया। (8 March Women Day 2024) सीमा स्टेज शो करती थी और उनको लोग सुनना पसंद करते थे।
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शेखावाटी की बेटी और दौसा की बहू
उनका विवाह सन 2002 के अंदर रामवतार शर्मा के साथ हुआ था। (8 March Women Day 2024) विवाह के बाद पति का पूरा सहयोग मिला और जिसकी वजह नई उंचाइयों को आसानी से छू लिया। कोकिला सम्मान,2003 के अंदर उनको भारत व्यास आवार्ड से सम्मानित किया गया।