जयपुर। 8 March Women Day 2024 एक ऐसा दिन है जो महिलाओं को समर्पित है। महिलाओं को घर से लेकर समाज में मान सम्मान, सुरक्षा, शिक्षा, अधिकारों समेत कई चीजों की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति की है। जिस महिला को मान सम्मान के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलता है वो अपना ही नहीं बल्कि पूरे समाज और देश का नाम रोशन कर देती हैं। ऐसे में महिला दिवस के मौके पर हम आपको राजस्थान की एक ऐसी महिला खिलाड़ी के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का मान रखा। यह खिलाड़ी हैं सुरभि मिश्रा (Surbhi Mishra)। तो आइए जानते हैं इनके बारे में…
भारतीय महिला स्क्वैश खिलाड़ी हैं सुरभि मिश्रा
सुरभि मिश्रा (Surbhi Mishra) एक भारतीय महिला स्क्वैश खिलाड़ी है जिनका जन्म 9 अगस्त 1990 को हुआ था। सुरभि मिश्रा ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में बुखार से पीड़ित भारत की प्रतिष्ठित स्क्वैश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल की जगह लेकर महिला एकल स्पर्धा में हिस्सा लिया। उस समय सुरभि ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का मान रखा।
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अपने कॅरियर की सर्वश्रेष्ठ रेंकिंग पर पहुंची सुरभि मिश्रा
सुरभि मिश्रा (Surbhi Mishra) 2010 में अपने कॅरियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 79 पर पहुंच गईं और स्क्वैश के खेल में मजबूत दावेदारों में से एक बनी। सुरभि ने 2012 में भारत में उपेक्षित, मेहनती खिलाड़ियों के उत्थान के लिए सुरभि मिश्रा स्पोर्ट्स फाउंडेशन की थी स्थापना की।
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सुरभि मिश्रा ने एशियाई खेलों में रचा इतिहास
सुरभि मिश्रा (Surbhi Mishra) के सानिध्य में ही एशियाई खेलों में भारत की 8 सदस्यीय स्क्वैश टीम ने 2 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य सहित कुल 5 पदक जीतकर इतिहास रचा। एशियाई खेलों के इतिहास में भारत का स्क्वैश में यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। यह उपलब्धि हासिल करने के बाद भारतीय स्क्वैश टीम की कोच सुरभि मिश्रा का जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में स्थित राजस्थान स्क्वैश एकेडमी में जोरदार स्वागत किया गया। अभी भी सुरभि मिश्रा भारत में स्क्वैश खेल को पुरजोर तरीके से आगे बढ़ाने में लगी हुई हैं।