चित्तौड़गढ़- एक शिक्षक ने गुरू और शिष्य के रिश्ते को तार तार कर दिया। शिक्षक ने गुरू और शिष्य की मर्यादा भुलते हुए अपनी ही छात्राओं के साथ अश्लील हरकते की। इस पुरे मामले को न्यायालय ने गम्भीरता से लेते हुए शिक्षक को सजा सुनाई। मामले में विशिष्ट न्यायालय पॉक्सो एक्ट-2 चित्तौड़गढ़ ने अश्लील हरकतें करने वाले संविदाकर्मी शिक्षक को 3 साल का कठोर कारावास तथा 30 हजार रूपए के जुर्माने से दंडित किया। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सिस्टम को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की। आरोपी शिक्षक के खिलाफ पींड स्कूल की महिला प्राचार्य ने 19 जनवरी 2020 को निकुंभ थाने में मामला दर्ज करवाया था। मामला दर्ज करवाते हुए प्रचार्य ने बताया था शिक्षक द्वाराधीश सोनी द्वारा 7वीं कक्षा की तीन बच्चियों के साथ अश्लील बातें की गई इसके साथ ही बेड टच और एक बच्ची का हाथ पकड़ा। प्रार्चाय की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
विशेष लोक अभियोजक अफजल मोहम्मद शेख ने बताय की पीठासीन अधिकारी अमित सहलोत ने पोक्सो एक्ट की धारा 7 व 8 तथा 11 व 12 में आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई है। आरोपी बड़ीसादड़ी निवासी द्वाराधीश सोनी को विभिन्न धाराओं के तहत 3-3 साल के कठोर कारावास और 15-15 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इसके साथ ही पीठासीन अधिकारी ने मामले में चूक होने पर एक अतिरिक्त कैद भुगतने की बात भी कही।
कोर्ट की टिप्पणी
मामले में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा ड्रॉपआउट छात्राओं के मामले में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर है इसका कारण छात्राओं से छेड़छाड़ और पुरूष शिक्षकों का अमर्यादित व्यवहार है। इसके साथ ही पॉक्सो कोर्ट ने आदेश में लिखा सर्वे के अनुसार ड्रॉपआउट छात्राओं के मामले में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर है। और यह वाकई एक सोचनीय स्थिति है। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा बच्चियों के लिए प्रशासन 100 प्रतिशत कदम उठाए तथा नाबालिग बच्चियों की उपस्थिति भरपूर हो यह सुनिश्चित किया जाए।