उत्तर कोरिया के युवाओं के साथ अचानक बड़ी विकट समस्या आ खड़ी हुई है। वहां के युवाओं को अब अपने पापा का नाम पता चला है। पिछले कई समय से वहां के युवाओं को ये भी पता नहीं था कि उनके पिता का नाम क्या है। ये नाम उन्हें बताया है वहां के शासक kim jong un ने। क्योंकि अब वहां के युवाओं को अब kim jong un को ही अपना पापा कहना होगा। तानाशाह किम जोंग को पिता कहने से पहले आदरणीय भी लगाना होगा।
युवा नहीं हैं खुश
वहीं वहां के युवक इस आदेश को लेकर नापसंदगी भी जाहिर कर रहे हैं। कोरियाई युवाओं का मानना है कि किम ने इतने अच्छे काम भी नहीं किए हैं कि उन्हें पिता कहा जाए। किम के पिता किम जोंग इल और दादा किम इल सुंग को भी वहां आदरणीय पिता के नाम से ही संबोधित किया जाता रहा है। वे भी इसी तरह 38 साल की उम्र में अपने पिता और दादा की तरह इस अधिकार को कानूनी वैधता दिलाना चाह रहे हैं। कोरिया में किम की तानाशाही को युवाओं का गुस्सा न देखना पड़े इसलिए उन्हें यह कहा जाता रहा है कि वे तानाशाह शासक को पसंद करते हैं।
पांच साल बड़े होगे पापा
उत्तर कोरिया में इस आदेश से यह साबित किया जा रहा है कि वहां के युवा उनकी बातों की पालना पिता की तरह ही करते हैं। यही नहीं उन्हें आदर भी देते हैं। यह आदरणिया पिता कहने के लिए जो उम्र निर्धारित की गई है वह 14 से 35 साल की है। इसमें सबसे ज्यादा मजे की बात यह है कि कुछ लोगों से तो उनके पिता किम सिर्फ 3 साल ही बड़े होंगे। क्योंकि किम जोंग की उम्र अभी सिर्फ 38 साल ही है। उत्तर कोरिया के युवाओं की सोच भी यही है कि 38 साल के शख्स को वे आदरणिय पिता कहकर कैसे पुकार सकते हैं।
दादा और पिता ने भी पाया था नाम
किम के बारे में सोच देखें तो उनके पूर्वजों की तुलना में वे अभी छोटे हैं। उनमें अनुभव की भी कमी है। इसलिए उन्हें पिता कहना अभी से सही नहीं है। किम के दादा किम जोंग इल सुंग उत्तर कोरिया के संस्थापक थे उन्हें सन् 1976 में 55 साल की उम्र में उपाधी मिली थी।