पुष्कर– तीर्थ नगरी पुष्कर में भीषण गर्मी के बावजूद हजारो श्रदालुओं ने जेठ की बड़ अमावस्या के पावन अवसर पर पवित्र सरोवर के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाकर धर्मलाभ कमाया। सरोवर में डुबकी लगाकर अपने पूर्वजों को याद किया और उनके पिंडदान तर्पण किये। वही जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन कर गायों को चारा खिलाया। स्थानीय दुकानदारों और लोगों ने जगह-जगह श्रध्दालुओं की सुविधा के लिए पानी पीने के लिए ठंडे पानी के कैंपर जगह-जगह लगाए गए। ताकि कोई भी भीषण गर्मी में प्यासा ना रहे। अलसुबह से ही श्रध्दालुओं का रेला शुरू हो गया जो देर शाम तक चलता रहेगा।
पितरों का तर्पण और पिंडदान का महत्व
तीर्थ पुरोहित मोनू रायता ने बताया कि वैशाख मास का भी काफी महत्व रहता है जेठ मास की अमावस्या के दिन लोग अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान करते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके। इस अवसर पर काफी संख्या में श्रध्दालु पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर पूजा अर्चना करते है और अपने पितरों का तर्पण पिंडदान करते है। और आज के दिन दान पुण्य का भी काफी महत्व रहता है । वीआईपी पण्डित नरेश रायता ने बताया कि जेठ मास की अमावस्या का काफी महत्व है इसलिए यहां पर काफी संख्या में श्रध्दालु आते हैं और पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य करते हैं और जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करते हैं इस अवसर पर बाजारों मंदिरों पर श्रध्दालुओं की काफी भीड़ देखने को मिली।
पालिका प्रशासन की और से कोई व्यवस्था नहीं
भीषण गर्मी में नगर पालिका ने जेठ की बड़ अमावस्या पर स्नान करने आये श्रदालुओ के लिए कोई भी व्यवस्था नही की। श्रदालुओ के लिए धुप से बचाव को लेकर पालिका प्रशासन शायद अपनी जिम्मेदारी भूल गई। हर बार पालिका प्रशासन की तरफ से मुख्य घाटो पर टेंट लगवाएं जाते है इस बार घाटों पर टेंट की व्यवस्था नहीं होने से चिलचिलाती धुप में श्रध्दालुओं ने सरोवर में पूजा अर्चना की। लाखो रुपये के वार्षिक ठेके होने के बावजूद पालिका प्रसाशन श्रद्धालुओ के लिए टेंट और दरियो की व्यवस्था तक नहीं करवा पाया जिसको लेकर स्थानीय पुरोहितों में जबरदस्त रोष उतपन हो गया है।