जयपुर- विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में पिछले कई दिनों से सियासी हलचल मच हुई है। सचिन पायलट का बवाल अभी थमा ही नहीं था कि कांग्रेस को एक और झटका मिल चुका है। विधानसभा चुनाव नजदीक आने से पहले ही अपनी ही पार्टी से नाराज नेता फिर अपनी पार्टी की ओर रूख करने लगे है। चुनाव आने को है और इसके साथ ही घर वापसी का दौर भी शुरू हो चुका है। अब ऐसे में भाजपा से नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया एक बार फिर भाजपा को दामन थाम चुके है। दरसल पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया 2016 में भाजपा से नाराज हो कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। लेकिन चुनाव से ठिक पहले महरिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़ फिर भाजपा का हाथ थाम लिया है। पूर्व मंत्री महरिया के साथ- साथ पूर्व आईपीएस गोपाल मीणा, डॉक्टर नरसी किराड़, पूर्व आईएएस पीआर मीणा ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।
फिर से परिवार में आकर खुशी- महरीया
पूर्व केंद्रीय मंत्री महरिया ने वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। भाजपा में फिर से लोटे पूर्व केंद्रीय मंत्री महरिया ने कहा वह अपने परिवार में दौबारा आकर बेहद खुश है। इसके साथ ही महरिया ने कहा वह कार्यकर्ता के रूप में फिर से भाजपा में शामिल हुए है। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी में उसे अच्छे से निभाने का पुरा प्रयास करूंगा।
महरिया 1998, 1999 तथा 2004 में लोकसभा के लिए चुने गए। महरिया 1996 में कांग्रेस के हरि सिंह के सामने चुनाव लड़े लेकिन इस दौरान महरिया का हार का मुंह देखना पड़ा। उसके बाद अगले चुनाव में फिर महरिया हरि सिंह के सामने खड़े हुए और हरि सिंह को हराकर चुनवा जिता। जिसके बाद महरिया लगातार तीन बाद सांसद रहें। 2009 में वह चुनाव हारे जिसके बाद भाजपा ने महरिया को दरकिनार कर दिया। 2014 में भाजपा ने महरिया को टिकिट देना भी जरूरी नहीं समझा जिसके बाद महरिया पार्टी से नाराज हो कर कांग्रेस में शामील हो गए। महरिरया ने 2019 में कांग्रेस से भाजपा के खिलाफ चुनाव भी लड़ा।
पूर्व मंत्री महरिया अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय मंत्री रहे थे। महरिया की जाट समाज में अच्छी पकड है महरिया जाट समाज के प्रमुख जाट नेताओं में से एक है। महरिया 2004 तक केंद्रीय राज्यमंत्री ग्रामीण विकास मंत्रालय में भी रहे। 2010 की बात करे तो महरिया भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे।