12 मई रात 2:00 बजे जयपुर के करणी विहार थाना क्षेत्र के ढाबास में यादव राम मौर्य के मकान में अचानक 10 डकैतों ने धावा बोल दिया। यह बदमाश हथियारों से लैस थे। माना जा रहा है कि इन्होंने पहले परिवार को बंधक बनाया। फिर 600 करोड रुपए ढूंढने लगे।
क्या था मामला?
एक महिला तांत्रिक ने तंत्र विद्या से पता लगाया कि 3 मंजिला मकान में 600 करोड़ का खजाना हैं। यह सुनकर 10 लुटेरे उस घर में खजाना लूटने पहुंचे। महिला तांत्रिक के कहने पर एक दूसरे तांत्रिक ने उस मकान के पास वाला मकान किराए पर लिया और वहां तंत्र मंत्र पढ़ने लगा। वीडियो सूट करता था। ताकि सीधा खजाने तक पहुंच सके। यह एक सोची-समझी प्लानिंग थी। जिसे पिछले 3 माह से यह लोग क्रियान्वित कर रहे थे।
पुलिस को पता चला कि इस खजाने को लूटने के लिए उत्तर प्रदेश से 5 शूटर को पार्टनर बनाने का झांसा देकर तैयार किया गया। वहीं डकैती के बाद 600 करोड़ ले जाने के लिए, पिकअप भी खरीद ली गई।
यह हास्यास्पद मुद्धा जब खुला तो पता चला, एक प्लॉट से शुरू हुआ विवाद 600 करोड़ रुपए के खजाने और डकैती तक पहुंचा। इस मामले में आरोपियों ने बताया कि वे तांत्रिक के कहने पर 12 मई को 600 करोड़ रुपए लूटने पहुंचे थे। लेकिन जब गहन तलाशी की। तब भी उन्हें 600 करोड रुपए का खजाना नहीं मिला। तब बदमाशों ने घर में पड़ा कीमती सामान, कैश, आभूषण, लेकर रफूचक्कर हो गए। इस मामले में पुलिस ने अभी तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस प्रकार की डकैती आज से पहले जयपुर में नहीं देखने के लिए मिली। जिसके पीछे की साजिश एक प्लाट की खरीदी से शुरू हुई है।
पीड़ित ने बताया कि यह कहानी प्लॉट से शुरू हुई थी। जिसमें उसने अपने दोस्त के साथ दो प्लॉट खरीदे थे। जिसका पट्टा उन्हें नहीं मिल रहा था। इसी पर दोनों में कहासुनी हुई। एफ आर आई दर्ज कराने की बात पर उसका दोस्त नाराज हो गया और उसने एक परिचित तांत्रिक से मिलकर इस घटना को अंजाम दिया।
यादराम पीड़ित का दोस्त रामेश्वर राठी और रामदयाल मीणा ने साजिश को रचा था।
पीड़ित यादराम ने यह भी बताया कि उन्होंने 18 बार 100 नंबर पर डायल किया। लेकिन एक बार भी किसी ने रिसीव नहीं किया। बदमाशों ने बिजली के कनेक्शन भी काट दिए थे। उन्होंने बताया परेशान होकर इंटरनेट से करणी विहार थाना का नंबर निकाला। दो बार नंबर डायल करने के बाद, बात हुई। जब तक पुलिस आई बदमाश भाग चुके थे।