21 Hanuman Mandir Series: अनुपम खेर हमेशा सोशल मीडिया पर भी बहुत ज्यादा एक्टिव रहते हैं और हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखते है। वह अपने यूट्यूब चैनल के जरिए अपने फैंस से जुड़े रहते हैं और इसी यूट्यूब चैनल पर 21 हनुमान मंदिर के नाम से सीरीज शुरू की थी। इस सीरीज में उन्होंने देश-दुनिया के तमाम हनुमान मंदिर की कहानी और मान्यताओं के बारे में बताया है।
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मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का वीडियो हुआ वायरल
अनुपम ने अपने सोशल मीडिया साइट X पर इस सीरीज के आखिरी एपिसोड का ट्रेलर शेयर करते हुए मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की सबसे बड़ी खासियत के बारे में बताया। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां हनुमान जी के सामने आते ही सारे भूत-प्रेत भाग जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस मंदिर का दृश्य बहुत भयानक होता है कि इसके बारे में शब्दों में बताना भी मुश्किल है।
राजस्थान का मेंहदीपुर हनुमान मंदिर: हनुमान चालीसा की ये पंक्तियाँ “भूत पिशाच निकट नहीं आवें, महावीर जब नाम सुनावे” इस मंदिर से साकार होती नज़र आयेंगी।हनुमान जी के इस मंदिर के इतिहास की कहानी आपको अचम्भित भी करेगी और आप इस मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति देखने के लिए श्रद्धालु भाव से… pic.twitter.com/fj2s2lhQ66
— Anupam Kher (@AnupamPKher) March 12, 2024
प्रेत राज सरकार का राज
हनुमान जी का बाल रूप, प्रेत राज सरकार रूप और भैरव बाबा रूप विराजित है। जिन लोगों पर नकारात्मक शक्तियों का प्रकोप होता है, वो इससे छुटकारा पाने के लिए मेहंदीपुर बालाजी पहुंचते हैं। इसके बाद उनको मंदिर में ही रखा जाता है और इसके बाद वह ठीक हो जाते हैं।
प्रसाद घर नहीं ले जाना चाहिए
इस मंदिर की मान्यता है कि इसके कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना होता है और अगर ऐसा नहीं करते है तो बहुत ज्यादा परेशानी होती है। मंदिर में खाने-पीने की मनाही होती है और इस मंदिर में पानी भी नहीं पीना चाहिए। इसके साथ ही आप कोई भी प्रसाद घर नहीं ले जा सकते है और ऐसा करने पर बहुत नुकसान होता है। मंदिर में दर्शन के बाद निकलते समय पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए और किसी को यह भी नहीं बोलना चाहिए आजा चलते है। ऐसा माना जाता है कि इससे नकारात्मक शक्तियां आपका पीछा कर के आपके घर तक जा सकती हैं।
कई मंदिरों की खासियत बता चुके हैं अनुपम खेर
अनुपम खेर लगभग 20 से ज्यादा हनुमान मंदिरों का भ्रमण कर चुके हैं। उन्होंने 21 हनुमान मंदिर की सीरीज की शुरुआत अयोध्या के हनुमानगढ़ी से की थी। प्रयागराज के बड़े हनुमान जी, जामनगर के बाला हनुमान जी, भिंड के दंद्रुआ धाम, चित्रकूट के हनुमान धारा मंदिर, पटना का महावीर मंदिर, कैंची धाम के नीम करौली बाबा, कानपुर के पांकी, शिमला के जाखू, हम्पी के अंजनीयाद्री मंदिर, बेट द्वारका के डांडी, सारंगपुर का श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सुंचीनधाम का अलामिन थानुमलायन, दिल्ली का प्राचीन हनुमान मंदिर, तमिलनाडु का नम्मक अंजनियार मंदिर, वाराणसी का संकट मोचन मंदिर और रामेश्वरम का पंचमुखी हनुमान मंदिर से जुड़े तथ्यों के बारे में बताया है।