Ramzan me Shaitan: पाकीजा महीना रमजान चल रहा है। रोजे के दौरान मुस्लिम बंधु सुबह से शाम तक भूखे प्यास रहकर अल्लाह की रज़ा के लिए इबादत करते हैँ। इस महीने में जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं। साथ ही शैतान को भी कैद करके समंदर में फेंक दिया जाता है। लेकिन इसके बाद भी लोग रमजान में जमकर गुनाह भी करते हैं और बदकारी भी करते हैं। आपके मन में भी ये सवाल उठता होगा कि जब सबको बहकाने वाला शैतान जंजीरों में कैद किया जा चुका है तो फिर आदम की औलाद गुनाह करने से बाज क्यों नहीं आती है। हम आपको इस सवाल का जवाब तफ्सीर से बताएंगे। Ramzan me Shaitan को जंजीरों में कैद करके समंदर की गहराई में फेंक दिया जाता है। पूरे तीस दिन शयातीन के शर से मुसलमान महफूज़ रहते हैं।
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रमजान में शैतान कैद है
(Ramzan me Shaitan)
माहे रमजान आते ही सरकश शयातीन को जंजीरों में कैद करके समंदर की तह में डुबो दिया जाता है। जैसे ही रमजान का चांद दिखता है,फरिश्तों के सरदार जिब्रील अमीन अल्लाह के हुक्म से शैतान को जंजीरों में जकड़कर गले में तौक पहनाकर समंदर में फेंक देते हैं। पूरे रमजान में मुस्लिम बंधु शैतान के छलावे से दूर रहते हैं।
फिर भी गुनाह क्यों होते हैं?
आम तौर पर जब गुनाह होते हैं तो मोमिन बहाना बना लेते हैं कि मुझे तो शैतान ने बहका दिया था। लेकिन जब रमजान में बंदा गुनाह करता है तो वह अपने नफ्स की खराबी के कारण गुनाह करता है। तो अगली बार जब आप रमजान में गुनाह करने की सोचे तो समझ ले कि ये शैतान नहीं बल्कि आपके अंदर की इंद्रिय की कमजोरी है जो आपको गुनाह करने से रोक नहीं पा रही है।
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कुरान में लिखा है इस बारे में
एक रिवायत में है कि रमजानुल मुबारक के महीने में जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते हैं और दोज़ख़ के दरवाज़े बन्द कर दिये जाते हैं, शयात़ीन जन्ज़ीरों में जकड़ दिये जाते हैं। एक रिवायत में है कि रह़मत के दरवाजे़ खोले जाते हैं। (स़ह़ीह़ मुस्लिम, स़-फ़ह़ा:543, ह़दीस़:1079)
अल्लाह हम सबको रमजान में गुनाह से बचने की तौफीक नसीब अता फरमाएं।