जयपुर। World Heaviest Quran : राजस्थान की राजधानी जयपुर में हाथ से लिखी दुनिया की सबसे भारी कुरान पहुंची है। इस अनोखी कुरान का प्रदर्शन रविंद्र मंच पर किया गया हे। यह कुरान लगभग 10.5 फीट ऊंची और खोलने पर 17 फीट लंबी है। इस दुनिया की सबसे भारी कुरान का वजन 2.5 क्विंटल है। इस कुरान को मौलाना जमील कादरी चिश्ती टोंकी ने बनाया था। टोंकी का दावा है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी कुरान है। यह कुरान मंगलवार को रमजान के पहले रोजे पर टोंक से जयपुर के रविंद्र मंच पर लाया गया।
कुरान का पेज पलटने के लिए लगते 2 लोग
दुनिया की सबसे भारी कुरान (World Heaviest Quran) के बारे में मौलाना जमील कादरी चिश्ती टोंकी का कहना है कि इसकी प्रत्येक लाइन अरबी के अलिफ अक्षर (लफ्ज़) से शुरू होती है। इसी वजह से इसको अल्फ़ी कुरआने करीम भी कहा जाता है। इस कुरान के प्रत्येक पेज में 41 लाइनें हैं और इसकी जिल्द पर चांदी के कोने और गोल्डन प्लेट लगाई गई है। इस कुरान को खोलने और बन्द करने के लिए पीतल के कब्जे लगाए गए हैं। इस कुरान के पेज को पलटने में या खोलने में 2 बंदों की जरूरत होती है जबकि, इसकी जिल्द खोलने के लिए 6 बंदों की जरूरत पड़ती है।
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हैंडमेड कागज पर हाथ से लिखी कई है ये कुरान
इस भारी भरकम कुरान (World Heaviest Quran) को लेकर मौलाना जमील कादरी चिश्ती टोंकी का कहना है कि यह हाथ से लिखी हुई दुनिया की सबसे भारी व बड़ी कुरान है जिसका डिजाइन भी हाथ से बनाया गया है। इस कुरान का कागज भी हैंडमेड हैं जिसको सांगानेर के सलीम कागजी की कंपनी में बनाया गया था। इस कुरान को टोंक के ही गुलाम अहमद ने लिखा है। इस कुरान को 22 जनवरी 2014 से राजस्थान मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबिक प्रशीयन रिसर्च इंस्टीट्यूट, टोंक (APRI) में हाजी मोहमद शेर खां की इजाजत से नुमाइश में रखा गया है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी देख चुके हैं ये कुरान
दुनिया की इस सबसे भारी कुरान (World Heaviest Quran) को अब तक दुनिया भर के कई देशों से लाखों रिसर्च स्कॉलर देखने आ चुके हैं। आपको बता दें कि 10 अक्टूबर 2014 को यह कुरान तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी देख चुके हैं।
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दुनिया की सबसे भारी लिखने का ऐसे आया आइडिया
दुनिया की इस सबसे भारी अल्फी कुरान (World Heaviest Quran) को मौलाना जमील की बेटियों ने अपने भाइयों, चाचा और अब्बा के साथ मिलकर लिखकर सजाया है। इस कुरान को हाफिज कारी खत्तात (कैलिग्राफिस्ट) गुलाम अहमद ने किताबत, नक्शो निगारी और जिल्द वगैरह मौलाना जमील अहमद के सानिध्य में बनाकर तैयार किया है। इसको लेकर मौलाना जमील टोंकी का कहना है कि कुछ साल पहले अफ़ग़ानिस्तान में 7 फुट लम्बा कुरआने करीम तैयार की गई थी। इसी कुरान से उन्हें दुनिया की सबसे भारी कुरान (Alfi Quran) बनाने की प्रेरणा मिली। कहा जाता है कि इस कुरान को अब 3 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।