Shekhawati Holi 2024 : जैसे जैसे होली नजदीक आ रही है सभी लोगों पर होली का रंग चढ़ने लगा है। कहीं फाग उत्सवों का आयोजन हो रहा है तो कहीं फूलों वाली होली खेली जा रही है। कहीं होली की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है तो कहीं पर कवि गोष्ठियां आयोजित की जा रही है। ऐसे में राजस्थान का शेखावाटी अंचल कैसे पीछे रहने वाला है। यहां भी सैलानियों का आवगमन शुरु हो गया है।
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इन क्षेत्रों की फेमस है होली
शेखावाटी में हर साल विदेशी सैलानियों की धूम मचती है, और वो धूम होती है होली पर यहां के रगों (Shekhawati Holi 2024)में रगंने की। बडी संख्या में विदेशी लोग शेखावाटी की पर्यटन राजधानी मण्डावा सहित डुण्डलोद, नवलगढ़ अलसीसर मुकुन्दगढ़,महनसर नवलगढ़ आदि जगह पर होली का आनंद लेने आते हैं। शेखावाटी के इन क्षेत्रों में ज्यादातर फ्रांस के सैलानी आते हैं। उन्हें यहां के किलों महल हवेलियों आदि से तो लगाव है ही, साथ ही यहां पर चंग और ढ़प की थाप से जो होली का रंग जमता है वो भी खूब पसंद आता है।
शेखावाटी में मंडावा में खेले जाने वाली होली काफी फेमस है। जिसमें शामिल होने के लिए हर साल विदेशों से भी मेहमान आते हैं। मंडावा की गिंदड़ और गेर खेलने की परंपरा काफी पूरानी है। इस गेर और गिंदड़ नृत्य को देखने के लिए काफी संख्या में लोग जमा होते हैं। इसी वजह से यहां पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिला है। यहां के स्थानीय लोगों को व्यवसाय के लिए अवसर मिलें हैं। यहां के लोगों का व्यवसाय चल पड़ा है।
ऐसे मनाते हैं शेखावाटी में होली
शेखावाटी में होली का रंग पूरे एक महीने तक जमता है। होली के एक महीने पहले से ही चंग और ढ़प (Shekhawati Holi 2024) बजाए जाने लगते हैं। शेखावाटी के हर एक गांव में गली मोहल्लों में चंग और ढ़प बजाए जाने लगते हैं। जिसे आधी रात तक होली के धमाल वाले गीतों की धून पर बजाए जाते हैं। जिनको सुनके के बाद हर कोई मंत्रमुग्ध हो ही जाता है। गोरी नखराली गीत,चांद चढ़्यो गिरराज आदि गीतों से समां बंध जाता है। तो वहीं होली के दिन बनोरी निकालने की परंपरा भी खूब है जिसमें बढ़चढ़कर लोग भाग लेते है। इस तरह से हंसी खुशी से मनाया गया ये त्योहार काफी दिनों तक चलता है जिसमें विदेशों से भी लोग आते हैं और होली का आनंद उठाते हैं।