नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी बवाल जारी है। पहले अब तक कांग्रेस पार्टी ही इसका विरोध कर रही थी लेकिन अब अन्य राजनीतिक दलों ने भी इसका विरोध करना शुरु कर दिया अब 19 राजनीतिक दलों ने संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इनमें जेडीयू, आरजेडी, आप पार्टी, डीएमके, शिवसेना गुट, एनसीपी, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, समाजवादी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, टीएमसी , करेला कांग्रेस मनी, विदुथलाई चिरुथाइगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी शामिल है।
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समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार को लेकर विचार विमर्श किया। इन दलों ने संयुक्त बयान जारी करने का फैसला लिया है। 28 मई को होने वाले समारोह के विरोध में सदन के सभी नेता संयुक्त बयान जारी करेंगे। जिसमें सामूहिक बहिष्कार की घोषणा की जा सकती है।
देश के प्रथम नागरिक को निमंत्रण नहीं देने का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि नई बिल्डिंग का उद्घाटन पीएम मोदी को नहीं राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को करना चाहिए। राष्ट्रपति देश की पहली नागरिक है इसलिए ये हक उनका है। खबरों के मुताबिक कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन की तारीख को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए है। कांग्रेस का कहना है कि 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है। इस दिन नए संसद भवन का उद्घाटन
करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान करना है। कांग्रेस ने सवाल किया कि इस दिन को चुनना मात्र संयोग है या इसके पीछे कोई रणनीति बनाई जा रही है।