जयपुर। नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा कल यानि 25 मई को हो रही है। लेकिन इस बैठक में करीब 18 प्रस्तावों पर बैठक में चर्चा होने की संभावना है। वर्तमान बोर्ड की यह चौथी साधारण सभा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे जनप्रतिनिधि शहर के विकास के प्रति कितने गंभीर हैं। नगरपालिका एक्ट में साफ उल्लेख है कि 60 दिन के भीतर एक साधारण सभा की बैठक बुलाई जानी चाहिए। जयपुर में इस नियम का काफी समय से पालन नहीं हो पा रहा है। इसी बीच सोम्या गुर्जर ने खेला कर दिया है जिसके तहत वो दोनों नगर निगमों की बैठक में शामिल नहीं हो रही।
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अब दोनों नगर निगम ने तो हद कर डाली है। आलम ये है कि 3.5 साल में जहां ग्रेटर नगर निगम अपनी चतुर्थ साधारण सभा की बैठक करने जा रहा है, वहीं हैरिटेज नगर निगम इस समयावधि में केवल एक बैठक कर पाया है। राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से साधारण सभा की बैठकों पर यह विराम लगा है। ऐसे में विकास की बात दोनों नगर निगम के लिए बेमानी है।
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अपको बता दें कि साधारण सभा ही एक ऐसा मंच है, जहां पार्षद अपनी बात रखते हैं। ये वो बातें होती है जिनमें उनके वार्ड में क्या हो रहा है, क्या नहीं हो रहा। सफाई हो रही है या नहीं, रोड लाइट्स ठीक है या नहीं, नालियां साफ हो रही है या नहीं, अफसर और कर्मचारी उसकी बात सुन रहे है या नहीं। इन सभी बातों को वह साधारण सभा में रखता है और बोर्ड के सदस्य व महापौर मिलकर उसका समाधान करते हैं। लेकिन बैठकें नहीं होने से पार्षद खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
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इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि दोनों निगम दो साल से बजट बैठक तक नहीं कर पाए हैं। हर बार विधानसभा और लोकसभा सत्र होने की वजह से बैठक की अनुमति नहीं मिलती है, जिसके चलते बिना बोर्ड से पास कराए ही बजट सीधे सरकार से मंजूर करवाया जा रहा है।