Kaswan vs Jhajharia: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार लोकसभा चुनाव में 25 सीटों पर क्लीन स्वीप करने की तैयार में लगी है। उसने अभी तक 15 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए है लेकिन इस बार मौजूदा सांसदों का टिकट कटने के कारण बीजेपी को थोड़ा नुकसान होता दिख रहा है। चुरू से मौजूदा सांसद राहुल कस्वां का टिकट काटकर उनकी जगह पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया है। लेकिन इसके बाद कस्वां ने बगावत करते हुए कांग्रेस का दामन थामा और उनको इसका ईनाम टिकट के रूप में मिल भी गया।
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चूरू लोकसभा सीट पर लड़ाई काफी दिलचस्प
चूरू लोकसभा सीट पर लड़ाई काफी दिलचस्प होने जा रही है क्योंकि इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार का सामना उनकी ही पार्टी के बागी सांसद राहुल कस्वां से होगा जो कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। राहुल कस्वां की असली लड़ाई राजेंद्र सिंह राठौड़ से है क्योंकि उनका मानना है कि उनकी टिकट राठौड़ के कारण कटी है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो दोनों नेता ही जानते है लेकिन यह सीट बहुत ज्यादा चर्चा में है।
राठौड़ को कस्वां की चुनौती
कस्वां लगातार अपने क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और सभाओं में भीड़ भी अच्छी जूटा पा रहे है। इसके साथ ही विधायकों से मुलाकात कर रणनीति का जायजा ले रहे हैं। कस्वां ने राठौड़ पर हमला बोलते हुए कहा कि मेरी टिकट किस ने कटवाई है वह जग जाहिर है। मेरे पिता और मैंने कभी भी किसी से राजनैतिक द्वेश नहीं रखा है।
झाझड़िया ने कस्वां पर निशाना साधा
झाझड़िया ने कां राहुल कस्वां पर निशाना साधते हुए लिखा कि ‘अब इस लोकतंत्र राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, राजा वह व्यक्ति बनेगा जिसे जनता चुनेगी। मैंने खेल क्षेत्र में कोई भी कसर नहीं छोड़ी और मैं आपसे ये वायदा नहीं गारंटी देता हूँ कि अपने क्षेत्र के विकास के नए आयाम स्थापित करने में कमी नहीं आने दुंगा। मेरे चूरू लोकसभा का हर एक आमजन ये चुनाव लड़ेगा।
चूरू लोकसभा सीट कस्वां परिवार का दबदबा
चूरू लोकसभा सीट पर लगभग 20 साल से कस्वां परिवार का दबदबा बना हुआ है। इसी वजह से 1999 से 2009 तक लगातार राम सिंह कस्वां बीजेपी से सांसद रहे और इसके बाद साल 2014 और 2019 में उनके बेटे राहुल कस्वां सांसद बने। लेकिन इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काटकर कुछ नया करने का प्रयास किया है। यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन इस बार बीजेपी ने पैरालम्पिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया को टिकट देकर कस्वां परिवार का दबदबा खत्न करने का प्रयास किया है।
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कस्वां और राठौड में लड़ाई
चुरू सीट पर विधानसभा में राजेन्द्र राठौड को हार का सामना करना पड़ा था और इस हार के बाद राठौड ने अपने ही नेताओं पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद लगा दोनों नेताओं ने चुनावों में एक होकर वोट नहीं मांगा और इसके कारण हार मिली और अब कस्वां का टिकट कटा तो वह भी आरोप लगाने लगे। अब यह लड़ाई बहुत ही अहम साबित होगी अगर इस सीट पर कुछ नया होता है तो यह बहुत बड़ी बात होगी।