कर्नाटक की भाजपा सरकार ने वहां शिक्षण संस्थाओं में हिजाब पहनकर आने पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद राज्य ही नहीं सारे देश में जोरदार हंगामा हुआ था। वर्तमान में कर्नाटक से भाजपा का सफाया हो चुका है और कांग्रेस का साम्राज्य आ चुका है। तो अब बीजेपी के दिए हिजाब का भी जल्द ही सफाया हो सकता है। भारत के एक NGO Amnesty India की ओर से कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार से मांग की है बीजेपी सरकार के समय में लिए गए निर्णयों को बदला जाए। इसमें कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर लगाए बैन को हटाने की मांग भी शामिल है। इस मांग के साथ ही सरकार की ओर से भी कह दिया गया है कि जल्द ही इस आदेश की समीक्षा की जाएगी।
समीक्षा होगी अधिकारों का हनन करने वाले बिलों की
हम साफ है कि इस आदेश और बिल की समीक्षा की जाएगी। यह कहना है कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियंका खरगे का। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की छवि को धूमिल करने वाले और किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का हनन करने वाले बिल की यह सरकार समीक्षा करेगी। यही नहीं जिस बिल की आवश्यकता नहीं होगी उसे खारिज भी किया जाएगा।
क्या था मामला, खूब हुआ था विवाद
कर्नाटक में भाजपा सरकार के दौरान राज्य में शिक्षण संस्थाओं में लड़कियों के हिजाब पहनकर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसके बाद देश में सियासत बहुत गर्मा गई थी। जगह जगह प्रदर्शनों का दौर भी चला था। वहीं सरकार ड्रैस कोड में शिक्षण संस्थाओं में आने के फैसले पर बनी रही थी। एमनेस्टी इंडिया ने भी कर्नाटक प्रिवेंशन एंड प्रिजर्वेशन ऑफ कैटल एक्ट 2020 और कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलीजन 2022 पर आए बिल को भी हटाने की मांग की है।