Holika-Eloji Love Story: होली के त्योहार को लेकर पूरे देश में जरबदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है लेकिन इस त्योहार को मनाने के पीछे की कहानी तो हम सभी को पता है, लेकिन आज हम आपको होलिका से जुड़ी वह बात बताने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। राजस्थान के बालोतरा कस्बे के मुख्य बाजार में दूल्हे की तरह सजी भीमकाय मूर्ति की पूजा की की जाती है और इसका नाम इलोजी महाराज है। इलोजी की होली के दिन देवता के रूप में पूजा करने की परंपरा सालों से चली आ रही है।
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इलोजी की प्रेम कहानी
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इलोजी, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका से प्रेम करते थे और शादी करने वाले थे। लेकिन शादी से ठीक पहले ही अपने भाई हिरण्यकश्यप के कहने पर भक्त प्रहलाद को मारने के लिए होलिका उसे गोद मे लेकर आग मे बैठ गईं। इस घटना में भक्त प्रहलाद तो बच गए, लेकिन होलिका जिंदा जल गई। इसके कारण इलोजी की शादी नहीं हो सकी और होलिका की मौत से यह प्रेम कहानी अधूरी रह गई। होलिका से शादी नहीं होने के कारण इलोजी ने फिर कभी शादी नहीं की और उनकी यह प्रेम कहानी अमर हो गई।
इलोजी का परिचय
राजस्थान के कई क्षेत्रों में कुंवारे लोग भी शादी के लिए इलोजी से मनोकामना मांगते नजर आते हैं। इतना ही नहीं, इलोजी मजाकिया और छेड़छाड़ के लोकदेवता भी कहे जाते है। इनके भक्त स्वांग रचकर इलोजी की बारात निकलते हैं और होलिका दहन होते ही इलोजी का मजाक बनाया जाता है और उनके कुंवारे राह जाने पर उनके साथ हंसी मजाक किया जाता है।
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होली दहन के कई कार्यक्रमों में बताई जाती है प्रेम कहानी
आमली एकादशी के दिन से इलोजी की शादी की तैयारी की जाती है। उनको दूल्हे की तरह सजाया गया है और पाट बैठाया जाता है। शादी की तरह ही गीत गाए जाते हैं और होलिका दहन के दिन सभी लोग अपनी मनोकामना पूरी होने की मन्नत मांगते हैं।