सेवेन सिस्टर्स में शामिल त्रिपुरा अपनी खूबसूरती और सुंदर रमणीय वादियों के लिए जाना पहचाना नाम है। कुछ समय पहले यह चुनावों के लिए चर्चा में था। आज यह सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बीसीसीआई अध्यक्ष को लेकर चर्चा में है। मीडिया रिपोर्ट्स कू माने तो त्रिपुरा के पर्यटन विभाग का उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। त्रिपुरा के पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने गांगुली से मुलाकात के बाद इसकी घोषणा की है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक शाह ने सौरभ गांगुली को ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने पर गर्व की अनुभूति की। और कहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने त्रिपुरा पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर बनने के हमारे प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सौरभ गांगुली मैदान के अंदर और बाहर विवादों के लिए कोई अजनबी नहीं है। BCCI के पूर्व चीफ को राजनीतिक क्षेत्र में कई नेताओं के करीबी के लिए भी जाना जाता है। इसी के चलते सौरभ गांगुली को राजनीतिक पार्टियों में धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा है। सिलीगुड़ी से सीपीआईएम के पूर्व विधायक अशोक भट्टाचार्य के टीएमसी में शामिल होने के बाद गांगुली को बार-बार पार्टी में शामिल होने के लिए प्रलोभन दिया गया था।
इसके अलावा भी 2021 में उन्हें बीजेपी का संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी बताया गया था। ऐसे में सौरभ गांगुली और राजनीति जैसे चोली दामन का साथ हो गया हो। टीएमसी ने भी कथित तौर पर गांगुली को अपनी तरफ मिलाने का भरसक प्रयास किया था। गांगुली के करीबी सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि चुनावों के लिए उन्हें दोनों पक्षों से जबरदस्त दबाव झेलना पड़ा। 2022 में भी गांगुली के राजनीति में आने के कयास लगाए जा रहे थे।
जब 7 मई 2022 को गांगुली ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने कोलकाता निवास पर डिनर पर बुलाया था। तब गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल से इंकार कर दिया था इसके बाद अफवाहों का दौर थमा। वैसे इससे पहले ब्रांड एंबेसडर को लेकर पश्चिमी बंगाल में भी सवाल उठे थे। जब वेस्ट बंगाल का ब्रांड एंबेसडर शाहरुख खान को बनाए जाने पर बीजेपी ने टीएमसी पर सवाल उठाए थे।
इस समय त्रिपुरा के पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने गांगुली से मुलाकात के बाद यह महत्वपूर्ण घोषणा की है कि सौरव गांगुली को त्रिपुरा पर्यटन का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया गया है।