Ramzan me Injection : रमजान का मुबारक महीना चल रहा है। ऐसे में कई लोगों को रोजे के दौरान खाने पीने के अलावा कई और चीजों को लेकर गलतफहमियां फैली हुई हैं। जैसे कि रमजान में रोजों की हालत में आमतौर पर मुसलमान को यह भ्रम रहता है कि बीमारी की हालत में इंजेक्शन लगवाने या ग्लूकोज चढ़वाने से रोजा टूट जाता है। लेकिन हकीकत हम आपको बताने जा रहे है कि क्या वाकई में रोजे की हालत में इंजेक्शन लगाया जा सकता है या नहीं। या इस्लाम में ऐसा करना मना है। Ramzan me Injection लगाने को लेकर कुछ नियम कायदे हैं। ये जानकारी आम मुसलमानों तक जरूर शेयर करें ताकि लोगों तक सही जानकारी मोबाइल के जरिये पहुंच सकें।
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रोजे की हालत में इंजेक्शन लगाना कैसा है?
(Ramzan me Injection)
दारुल उलूम देवबंद के वरिष्ठ मौलाना साहब ने इस्लामी किताब अहसानुल फतावा का हवाला देते हुए बताया है कि इंजेक्शन और ग्लूकोज के जरिए रोजा नहीं टूटता है। क्योंकि ये चीजें खाने पीने की कैटेगरी में नहीं आती हैं। साथ ही ये दवाईयां खून में घुलती है, सीधे हमारे पेट यानी मैदे तक नहीं पहुंचती हैं। तो जो भी हजरात इंजेक्शन या आई ड्रॉप रमजान में इस्तेमाल करते हैं उन्हें जरा भी घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अल्लाह आपकी नीयतो से अच्छी तरह वाकिफ है। बंदे को दुख देना मौला को कतई पसंद नहीं है।
रमजान में शुगर के मरीज क्या करें?
रोजे की हालत में शुगर के मरीज के लिए भी शरीयत में सहूलत दी गई है। यानी आप रोजे की हालत में इंसुलिन का इंजेक्शन भी लगा सकते है। शुगर की सुई लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा। क्योंकि ये आपकी सेहत के लिए जरूरी है। अल्लाह ने दीन में आसानी रखी है। मोमिन को तकलीफ देने का कोई भी वाकिया तारीख में नहीं मिलता है। बल्कि अल्लाह ने तो मुसलमानों की सहूलत के लिए रमजान में कई तरह की रियायत बख्शी है।
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रमजान में ये न करें
रमजान में कई काम नहीं करने चाहिए। जैसे टीवी और मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने से रोजा मकरूह हो सकता है। इसके अलावा झूठ बोलना और गीबत करना भी रोजे में सख्त मना है। किसी से लड़ाई करना रोजे में मना है। आंखों से गंदी चीजें देखना कानों से गंदी बात सुनना और जबान से कड़वे बोल बोलना रमजान में सख्त नापसंदीदा अमल है। अल्लाह हमें भी इन सब बुरे कामों से बचने की तौफीक अता फरमाएं।