आरबीआई की ओर से मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था को संतोषजनक बताया गया है। मजबूत व्यापक आर्थिक नीतियों और कमोडिटी की कम होती कीमत के कारण फाइनेंशियल ईयर 2023 -24 मे भारतीय अर्थव्यवस्था की गति बनी रहेगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था में क्या चुनौतियां होंगी?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि ग्लोबल ग्रोथ में धीमापन, जियो पॉलीटिकल प्रेशर (भू-राजनीतिक तनाव ) और ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में किसी नए इवेंट के कारण ( फ्लकचुएशन )उतार-चढ़ाव होने जैसे फैक्टर्स ग्रोथ के लिए जोखिम बने हुए हैं। आरबीआई का इशारा वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिकी मार्केट में आए उतार-चढ़ाव, रूस यूक्रेन युद्ध की तरफ है।
आरबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि मजबूत व्यापक आर्थिक नीतियां, वित्तीय सेक्टर के दमदार प्रदर्शन, कम होती कमोडिटी की कीमत, अच्छे सकारात्मक कॉरपोरेट नतीजे, सरकार का पूंजीगत खर्च में वृद्धि करना, चालू वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ में वृद्धि कर सकता है। आगामी समय में भी आरबीआई अपनी मॉनेटरी पॉलिसी पर और अधिक फोकस करने वाला है।
महंगाई का क्या रहेगा हाल 20-23 24?
चालू वित्त वर्ष महंगाई को लेकर आरबीआई का अनुमान है कि 2023- 24 में महंगाई कम होने की उम्मीद है। इस दरमियान महंगाई की औसत दर 5.2 प्रतिशत रह सकती है, जो कि पिछले साल 6.7% थी। वही चालू खाता घाटा (सीएडी) इस वित्त वर्ष में एवरेज रह सकता है।
चालू खाता घाटा को सर्विसेज एक्सपोर्ट से सहारा मिलने की उम्मीद है। जबकि कमोडिटी की कीमत कम होने का भी फायदा मिलेगा। वैसे विदेशी संस्थागत निवेशक (फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों) की ओर से किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट्स से उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
आरबीआई अब डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने वाली है। इसी के चलते सीबीडीसी (CBDC) के खुदरा और थोक उपयोग को शहरों में विस्तार किया जाएगा। फिलहाल कुछ चुनिंदा शहरों में सीबीडीसी उपलब्ध है। इसमें नई पिक्चर्स जोड़े जाने की उम्मीद है।
आपको आपको बता दे आरबीआई मोंटी पॉलिसी के साथ सीबीडीसी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेसी पायलट प्रोजेक्ट के द्वारा अधिक से अधिक डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रही है। यह पायलट प्रोजेक्ट कई शहरों में फोकस कर रहा है। आरबीआई को उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होगी। साथ ही चालू खाता घाटा भी सुधरेगा।