Shab e Qadr Mubarak : रमजान का सबसे खास तीसरा अशरा आज शाम से शुरु होने जा रहा है। आज भारत में 20वां रोजा है। 31 मार्च 2024 की शाम को ही 21वीं तरावीह के साथ ही रमजान का तीसरा अशरा शुरु हो जाएगा। बंदे को जहन्नम की आग से निजात मिलेगी साथ ही आज की रात पहली शबे कद्र है। लैलतुल कद्र यानी शबे कद्र जिसे हजार महीनों से अफजल माना जाता है। भारत में 31 मार्च की रात को पहली 21वीं शब होगी जिसे लैलतुल कद्र भी कहा जाता है। इसके बाद चार रातें और आएंगी। इन पांचों रातों में से कोई एक रात ही लैलतुल कद्र की रात कही जाती है। हम आपको शबे कद्र की मुबारकबाद (Shab e Qadr Mubarak) शायराना अंदाज में देना सिखा रहे हैं। दुआओं में याद रखे।
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शबे कद्र की मुबारकबाद हिंदी मे दे
(Shab e Qadr Mubarak)
1.
कद्र कर लो ऐ मोमिनों तुम इस रात की,
है फजीलत बयान कुरान में इस रात की।
बख्श देगा वो तुम्हारें सब गुनाह आज शब,
होगी पूरी हर दुआ बेशक आज इस रात की।।
“शब-ए-क़द्र 2024 मुबारक हो”
2.
हजार महीने से अफज़ल रात आई है,
रमजान के दूसरे अशरे के बाद आई है।
नहीं रहेगा आज कोई भी बाकी यहां पर,
अर्श से उतरकर जमीन पर ये रात आई है।।
“शब-ए-क़द्र 2024 मुबारक हो”
3.
ये कलामे इलाही जिस रात नाजिल हुआ,
दिल में मेरे सुकून उस वक्त दाखिल हुआ।
आज गिड़गिड़ाकर मौला से माफी मांगनी है,
कई महीनो की इबादत का शर्फ़ हासिल हुआ।।
“शब-ए-क़द्र 2024 मुबारक हो”
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4.
चांद भी मुस्कुरा रहा है आज,
लैलतुल कदर की रात है ये
लिखू किस कदर मेरे मौला
तू ही बता रूहानी जज़्बात है ये।
“शब-ए-क़द्र 2024 मुबारक हो”
5.
सालों के बराबर अकेली रात है ये,
सबसे बड़ी बेशक खुदा ही ज़ात है ये।
वही है हर चीज पर कादिर यहां,
उसी ने बनाए बिगाड़े हालात है ये।।
“शब-ए-क़द्र 2024 मुबारक हो”
भारत में कब है लैलतुल कद्र?
शबे कदर आखिरी रमजान की पांच रातों में से कोई एक होती है। मतलब बंदों को पांचों विषम रातों में जागकर इलाही को राजी करते हुए इस रात को तलाश करना होता है। 21,23,25,27 और 29वीं रात में से कोई एक रात ही शबे कद्र होती है। इस बार 31 मार्च,2 अप्रैल,4 अप्रैल,6 अप्रैल,8 अप्रैल में से कोई एक रात लैलतुल कद्र होगी। भारत में 27वीं शब का महत्व ज्यादा है जो कि अलविदा जुम्मे के अगले दिन यानी शनिवार 6 अप्रैल 2024 को है। अल्लाह हमें रमजान के तीसरे अशरे की कद्र करने की तौफीक नसीब अता करें।