Ramadan Day 23 Dua: मुसलमानों का मुबारक महीना रमजान का तीसरा अशरा परसो से शुरु हो चुका है। आज 3 अप्रैल 2024 को 23वां रोजा रखा जा चुका है। हर रमजान के लिए एक खास दुआ नबी ए करीम ने बताई है जिसे उस दिन खुसूसी तौर पर पढ़नी चाहिए। 23वें रमजान को एक खास दुआ (Ramadan Day 23 Dua) पढ़नी चाहिए जिससे अल्लाह आपके सारे गुनाह बख़्श देगा। रमजान का तीसरा अशरा 31 मार्च की शाम से शुरु हो चुका है। जहन्नम की आग से खुलासी का ये तीसरा अशरा ईद के चांद दिखने पर तीस रमजान को खत्म होगा। तीसरे अशरे में शबे कद्र का दौर शुरु हो चुका है। पहली शबे कद्र 31 मार्च की शाम को थी और दूसरी शबे कद्र कल 2 अप्रैल को हो चुकी है। अलविदा जुम्मा 5 अप्रैल को होगा। इससे पहले गुरुवार 4 अप्रैल 2024 की रात को तीसरी लैलतुल कद्र की रात होगी। ईद का चांद 10 अप्रैल को नजर आ सकता है। आज 3 अप्रैल 2024 के दिन 24वीं तरावीह होगी।
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23वें रमजान की खास दुआ (Ramadan Day 23 Dua)
Allahumma aghsilny fihi mina aldhdhunubi wa tahhrny fihi mina al`uyubi
wamtahin qalby fihi bitaqwa alqulubi ya muqila `atharati almudhnibina
ऐ अल्लाह आज के दिन मुझे मेरे गुनाह बख़्श दे, और मुझे ऐबों से पाक कर दे, क़ुलूब की पाकीजगी से मेरा इम्तेहान ले, ऐ गुनाहगारों के गुनाहों को मुआफ़ करने वाले
Aye Allah Aaj Ke Din Mere Gunaah Bakshde, Aur Mujhe Aiebon Se Paak Karde, Quloob Ki Paakizgi Se Mera Imtehaan Le, Aye Gunaahgaron Ke Gunahon Ko Muaaf Karne Wale.
ALLAH on this day wash away my sins, purify me from all flaws, examine my heart with (for) the piety of the hearts, O One who overlooks the shortcomings of the sinners.
اَللّـهُمَّ اغْسِلْني فيهِ مِنَ الذُّنُوبِ، وَطَهِّرْني فيهِ مِنَ الْعُيُوبِ، وَامْتَحِنْ قَلْبي فيهِ بِتَقْوَى الْقُلُوبِ، يا مُقيلَ عَثَراتِ الْمُذْنِبينَ
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23वें रमजान को क्या है खास?
23वें रमजान का तीसरा अशरा शुरु हो चुका है। आज तीसरे अशरे का तीसरा दिन है। मतलब 31 मार्च की शाम से तीसरा अशरा शुरु हो चुका है। लोग एतिकाफ में बैठ चुके हैं। इस अशरे में जहन्नम की आग से आजादी मिलती है। तीसरे अशरे में दोजख की भड़कती आग से पनाह की ये दुआ जरूर मांगे। अल्लाहुम्मा अजिरनी मिन्ननार ये दुआ हमेशा पढ़ते रहे। इंशाअल्लाह आपको जहन्नम की आग से पनाह मिल जाएगी। 20वें रमजान की शाम से ईद का चांद दिखने तक बंदा मस्जिद में तन्हाई में मौला की इबादत करता है। ऐतिकाफ का सवाब दो हज और दो उमरे के बराबर होता है। 23वें रमजान को ये खास दुआ पढ़ने से मौला आपके तमाम गुनाहों को बख़्श देगा।