Ramzan me Period : मुबारक महीने में आसमान से मौला की रहमत हर सू बरस रही है। मुसलमान दिन रात अल्लाह को राजी करने में जुटे हुए हैं। मुस्लिम महिलाएं भी दोहरी ड्यूटी निभाती हैं। सेहरी से लेकर तरावीह तक वे न केवल रोजेदारों की खिदमत करती हैं, बल्कि बीच में कुरान की तिलावत और नमाज भी पढ़ती हैं। इस्लाम में औरत को सबसे बेहतरीन मरतबा दिया गया है। उनकी बुनियादी परेशानियों और समस्याओं को लेकर इस्लाम में कई तरह की छूट दी गई है। लेकिन हैज यानी मासिक धर्म आने पर रमजान में क्या नियम हैं यही हम आपको बताने वाले हैं। पीरियड किसी भी लड़की या औरत के लिए हर महीने आने वाला एक ऐसा दर्द है जिसे केवल एक औरत ही समझ सकती है। Ramzan me Period को लेकर क्या नियम हैं ये जान लीजिए।
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रमजान में पीरियड आ जाए तो क्या करें?
(Ramzan me Period)
पहली बात तो इस्लाम में हैज यानी मासिक धर्म को नापाक कहा गया है। यानी जब किसी बंदी को पीरियड आता है तो उसे किसी भी तरह की इबादत नहीं करनी होती है। जिन महिलाओं को सेहरी से पहले पीरियड आ जाए तो वे रोजा न रखे। लेकिन जिनको रोजा रखने के बाद अगर मासिक धर्म आ गया हो तो वे उसी वक्त रोजा तोड़ सकती है। क्योंकि मासिक धर्म के आते ही रोजा अपने आप खत्म हो जाएगा। शरीयत आपको रमजान में छूट देती है। सीधी बात करे तो रमजान के महीने में जिन महिलाओं या लड़कियों को पीरियड्स आते हैं, उन्हें रोजा माफ है। इस दौरान जितने दिन भी रोजा छूटता है, उसे ईद के बाद पूरा करना होगा।
कुराने पाक क्या कहता है ?
कुरान मजीद की सूरह बकरा की आयत नंबर 222 में मासिक धर्म को लेकर काफी सटीक निर्देश दिया गया है। मुस्लिम महिलाओँ को हैज की हालत में रोजा नहीं रखने की रियायत दी गई है। इस दौरान न तो वे नमाज पढ़ती है न ही जिक्र और किसी और किस्म की इबादत करती है। चलिए ये आयत जान लेते हैं जिसमें अल्लाह तआला ने औरतों को पीरियड्स के बारे में क्या फरमाया है।
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Surah Baqarah Aayah 222
Wayasaloonaka AAani almaheedi qul huwa athan faiAAtaziloo alnnisaa fee almaheedi wala taqraboohunna hatta yathurna faitha tatahharna fatoohunna min haythu amarakumu Allahu inna Allaha yuhibbu alttawwabeena wayuhibbu almutatahhireena
رجمہ :- *اور وہ عورتوں کی ماہواری کے بارے میں آپ (صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم) سے سوال کر رہے ہیں کہہ دیجیے وہ ایک ناپاکی بھی ہے اور ایک تکلیف کا مسئلہ بھی ہے تو حیض کی حالت میں عورتوں سے علیحدہ رہو اور ان سے مقاربت نہ کرو یہاں تک کہ وہ پاک ہوجائیں پھر جب وہ خوب پاک ہوجائیں تو اب ان کی طرف جاؤ جہاں سے اللہ نے تمہیں حکم دیا ہے یقیناً اللہ محبت کرتا ہے بہت توبہ کرنے والوں سے اور محبت کرتا ہے بہت پاکبازی اختیار کرنے والوں سے۔*
हिंदी तर्जुमा :- और वोह (लोग) आप (मुहम्मद S.A.S.) से हैज़ (महावारी/mensturation) के बारे में पूछते है, आप उनसे कह दीजिये,”वोह (हालात-ए-हैज़) एक तक़लीफ़ औऱ नापाकी की हालत है, लिहाजा हैज़ के दौरान औरतो से अलग रहो, जब तक वोह पाक-साफ ना हो जाए (जिस्मानी ताल्लुक़ात क़ायम करने के लिए) उनके पास ना जाओ, फिर जब वोह (तुम्हारी बीवियां) पाक-साफ हो जाये तो उनके पास जाओ उस तरह जैसे अल्लाह ने हुक़्म दिया है, अल्लाह उन लोगो से मोहब्बत करते है जो गलतियों की माफी मांगते है और गलत कामो को करने से बचते है और अल्लाह मोहब्बत करते है उनसे जो पाक-साफ रहते है।
English Translation :- And they ask you about menstruation. Say, “It is harm, so keep away from wives during menstruation. And do not approach them until they are pure. And when they have purified themselves, then come to them from where Allah has ordained for you. Indeed, Allah loves those who are constantly repentant and loves those who purify themselves.”