तंगहाली में भी नवाबी कैसे की जाती है ये कोई राजस्थान विश्वविद्यालय से सीख सकता है। जिसने एक गाला डिनर के आयोजन में अपने बजट से बाहर खर्च कर सुर्खियां बटोरी हैं। तंगी से जूझते विश्वविद्यालय ने अपने यहां हुई एक कान्फ्रेंस में लाखों रूपये खर्च कर डाले। विभाग ने न सिर्फ यहां पर मेहमान नवाजी में जमकर खर्च किया साथ में मेहमानों को तोहफे देने में भी अपनी जेब का ख्याल नहीं किया। विश्वविद्यालय में में होम साइंस विभाग की ओर से पिछले दिनों एक फूड सेफ्टी कान्फ्रेंस का आयोजन करवाया गया था।
यहां होम साइंस विभाग ने काॅन्फ्रेंस में गाला डिनर का आयोजन किया। विभाग ने वित्तीय साधनों की अनदेखी कर जमकर खर्च किया। जिसके सामने आते ही विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं। यह कार्यक्रम पोद्दार काॅलेज में 3-4 मार्च को आयोजित किया गया था। जिसके बाद गाला डिनर महारानी काॅलेज में आयोजित हुआ था। जो अब 2 महीने बाद में सामने आया है। वो भी तब जब पहले से महारानी काॅलेज अपने निर्णयों को लेकर विवादों में बना हुआ है।
भारी खर्च और बिल अधूरे
विभाग की ओर से कार्यक्रम में भारी अनियमितता बरतने के बारे में तब पता चला जब कार्यक्रम में हुए खर्च के बिलों को अधूरा ही पास होने के लिए भेजा गया। जिसकी जांच में पता चला कि यहां रिफ्रेशमेंट पर ही प्रति व्यक्ति 1 हजार से ज्यादा का खर्च किया गया। वहीं प्रतिनिधियों को गिफ्ट के तौर पर दी गई महंगी साड़ियां भी सवालों के घेरे में हैं। जो कि रूसा के नियमों की पूरी तरह अवहेलना है।
ऐसे हुआ अंदेशा
मार्च में हुई इस कान्फ्रेंस में करीब 50 लोग ही उपस्थित हुए थे। जिस पर यहां आए स्पीकर ने भी कम लोग होने पर सवाल उठाए थे। इसके बाद जब कार्यक्रम में हुए खर्च के के बिल सामने आए तो प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सवाल उठाए। जिसके उन्हें पूरे जवाब भी नहीं मिले। बाद में सख्त रवैया अपनाए जाने के बाद कार्यक्रम का आयोजन करने वाली निमाली सिंह ने वित्त सलाहकार को पत्र लिखकर यह कहा कि उनका किया यह पहला कार्यक्रम था। इस कारण इसमें ऐसी गडबड़ियां हुई। जो भविष्य में ध्यान रखा जाएगा।
पांच हजार से ज्यादा तो सिर्फ गिफ्ट और खाना
जांच में सामने आया कि यूनिवर्सिटी के इस कार्यक्रम में हर चीज में खर्च का कोई हिसाब नहीं है। आयोजकों ने खाने में जहां 1 हजार से ज्यादा खर्च किया। वहीं गिफ्ट भी किसी शादी में दिए तोहफे से कम नहीं दिए। यहां गिफ्ट के तौर पर दी गई साड़ी 3 हजार से ज्यादा की थी। यही नहीं टेन्ट पर जहां 50 हजार का खर्च हुआ तो कार्यक्रम को संभालने के लिए लगाए गए वाॅलेन्टियरर्स पर भी अच्छा बिल बना। जिनकी पूरी जानकारी भी विभाग के पास नहीं है।
एसीबी में जाए मामला
राजस्थान विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार की ओर से मामले की फाइल को एसीबी में जांच के लिए भेजे जाने की अनुशंसा की है। फाइल में जानकारी के अनुसार अभी तक भी खर्च के बिल नहीं लगाए गए हैं। जिनके लगाए जाने के साथ ही आयोजक पर कोई कार्रवाई होने की संभावना है।
मामले के बारे में जब वीसी राजीव जैन से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मीटिंग में होने की बात कहकर बात करने से मना कर दिया।
फूड सेफ्टी कान्फ्रेंस में हुए मिस मैनेजमेंट में मैं किसी भी तरह शामिल नहीं हूं। मुझे इसमें हो रही किसी भी तैयारी में शामिल नहीं किया गया था। इस कार्यक्रम की पूरी तैयारी आयोजक निमाली सिंह के हाथों में थी। मुझे सिर्फ कार्यक्रम में गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था। रूसा 2 प्रोजेक्ट 10 के अन्तर्गत किए गए किए इस कार्यक्रम की सिर्फ मुझसे परमीशन मांगी गई थी। इसके बाद परचेज, फूड, वेन्यू, पब्लिसाइज और एक्सपर्ट सलेक्शन सभी का काम खुद आयोजक ने किया था। जिसकी परमीशन उन्हें वी सी राजीव जैन की ओर से दी गई थी।
प्रो. सनीता अग्रवाल
विभागाध्यक्ष होम साइंस डिपार्टमेंट, महारानी काॅलेज
यह कार्यक्रम रूसा 2 प्रोजेक्ट 10 के अन्तर्गत मैने एक आयोजक के तौर पर संभाला था। जिसमें जो खर्चे सही नहीं माने जा रहे उन्हें रिजेक्ट करने को कहा है। मैंने जो गिफ्ट दिए हैं और जो स्टोल दिए हैं उनके खर्चे मैं देने को तैयार हूं। विभाग की ओर से पहले से ही काॅपरेशन नहीं मिलने के कारण यह कार्यक्रम वीसी से परमीशन लेकर सारे काम किए गए।
प्रो. निमाली सिंह
प्रिंसिपल महारानी काॅलेज