Ramadan Day 24 Dua: मुसलमानों का मुबारक महीना रमजान का तीसरा अशरा 31 मार्च की शाम से शुरु हो चुका है। आज 4 अप्रैल 2024 को 24वां रोजा रखा जा चुका है। जहन्नम की आग से खुलासी का ये तीसरा अशरा ईद के चांद दिखने पर तीस रमजान को खत्म होगा। तीसरे अशरे में शबे कद्र का दौर शुरु हो चुका है। पहली शबे कद्र 31 मार्च की शाम को थी और दूसरी शबे कद्र परसो 2 अप्रैल को हो चुकी है। अलविदा जुम्मा कल 5 अप्रैल को होगा। इससे पहले गुरुवार 4 अप्रैल 2024 यानी आज की रात को तीसरी लैलतुल कद्र की रात होगी। हर रमजान के लिए एक खास दुआ नबी ए करीम ने बताई है जिसे उस दिन खुसूसी तौर पर पढ़नी चाहिए। 24वें रमजान को एक खास दुआ (Ramadan Day 24 Dua) पढ़नी चाहिए जिससे आप अल्लाह के पसंदीदा बंदे बन जाओगे। ईद का चांद 10 अप्रैल को नजर आ सकता है। आज 4 अप्रैल 2024 के दिन 25वीं तरावीह होगी।
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24वें रमजान की खास दुआ (Ramadan Day 24 Dua)
Allahumma inni as’aluka fihi ma yurdikawa a`udhu bika mimma yu´dhika
wa as’aluka alttawfiqa fihi lian a’uti`aka wa la a`siyaka ya jawada alssa’ilina
ऐ अल्लाह आज के दिन मैं तुझसे वही चाहता हूं जो तुझे पसंद है, और उस चीज से पनाह मांगता हूं जो तुझे नापसंद है, और तेरी तौफीक़ का तलबगार हूं ताके तेरी इताअत कर सकूं, और गुनाहों से दूर रह सकूं, ऐ मोहताजों को अता करने वाले
اَللّـهُمَّ إني أسألك فيهِ ما يُرْضيكَ، وأعوذ بِكَ مِمّا يُؤْذيكَ، وأسألك التَّوْفيقَ فيهِ لاِنْ أطيعك وَلا أعصيك، يا جَوادَ السّائِلينَ
Aye Allah Aaj Ke Din Me Tujhse Wahi Chahta Hun Jo Tujhe Pasand Hai, Aur Us Cheez Se Panaah Mangta Hun Jo Tujhe Na Pasand Hai, Aur Teri Taufeeq Ka Talabgaar Hun Ta Keh Teri Ita’at Kar Sakun Aur Gunahon Se Door Rah Sakun, Aye Mohtajon Ko Ataa Karne Wale.
O Allah on this day I beseech You for that which pleases You, And I seek Your protection against that which hurts You, And I beseech You for leading me to obey You and avoid disobeying You, O He Who treats the beseechers magnanimously.
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24वें रमजान को क्या है खास?
24वें रमजान यानी 4 अप्रैल 2024 को तीसरे अशरे का चौथा दिन है। लोग एतिकाफ में बैठ चुके हैं। इस अशरे में जहन्नम की आग से आजादी मिलती है। तीसरे अशरे में दोजख की भड़कती आग से पनाह की ये दुआ जरूर मांगे। अल्लाहुम्मा अजिरनी मिन्ननार ये दुआ हमेशा पढ़ते रहे। इंशाअल्लाह आपको जहन्नम की आग से पनाह मिल जाएगी। 20वें रमजान की शाम से ईद का चांद दिखने तक बंदा मस्जिद में तन्हाई में मौला की इबादत करता है। ऐतिकाफ का सवाब दो हज और दो उमरे के बराबर होता है। 24वें रमजान को ये खास दुआ पढ़ने से मौला आपको अपना पसंदीदा बंदा बनने की तौफीक अता कर देगा।