3rd Shab e Qadr : के अज्र वाली रात है ये, सब्र वाली रात है ये, कद्र कर लो इसकी तुम क़द्र वाली रात है ये। रमजान के पाकीजा महीने के आखिरी अशरे में इलाही की बरकतें और रहमतें आमसान से जमीन पर नाजिल हो रही हैं। रमजान के आखिरे अशरे में शबे कद्र की रात होती है। इस रात को कुरान में लैलतुल कद्र कहा गया है। कुराने मजीद इसी मुकद्दस रात में नबी ए करीम पर नाजिल हुआ था। ये रात आखिरे अशरे की विषम यानी के वित्र ताक रातों (Ramadan Odd Nights) में पाई जाती हैं। जैसे 21,23,25,27, और 29 रातों में ये शबे कद्र की रात होती है। इसको हजार महीने के बराबर माना गया है। पहली शबे कदर की रात 31 मार्च 2024 को थी। दूसरी शब-ए-क़द्र की रात (2nd Shab e Qadr) भारत में 2 अप्रैल को थी। अब तीसरी शबे कद्र की रात (3rd Shab e Qadr) कब है यही हम बताने जा रहे हैं। ऐसी ही और भी इस्लाम से जुड़ी जानकारी के लिए हमें पढ़ते रहे और दिल से दुआ देते रहे। 3rd Laylatul Qadr की रात को क्या पढ़ना है इस पर भी हम जल्द स्टोरी पब्लिश कर देंगे।
यह भी पढ़ें : Shabe Qadr Nawafil : शबे कद्र में नफिल नमाज कैसे पढ़ें, मुस्लिम भाई जान लें
तीसरी शबे कद्र कब है?
(3rd Shab e Qadr)
पहली शबे कद्र की रात 31 मार्च की रात को गुजर चुकी है। दूसरी रात 2 अप्रैल को गुजर चुकी है। अब 21वीं और 23वीं रात के बाद तीसरी शबे कद्र की बारी है जिसे 25वीं रात भी कहा जाता है। भारत में तीसरी शबे कद्र (3rd Laylatul Qadr 2024) की रात 24वें रमजान के बाद वाली रात होगी। यानी चौबीसवें रमजान की रात। क्योंकि इस्लाम में हिजरी कैलेंडर शाम के समय से अगली शाम तक चलता है। मतलब रोजा अगर 24वां है तो उस दिन 25वीं रात होगी। ऐसे में भारत में तीसरी लैलतुल कद्र (3rd Shab e Qadr) की रात 4 अप्रैल 2024 की रात होगी। मानी के 24वें रोजे की रात को तीसरी लैलतुल कद्र (3rd Laylatul Qadr 2024) होगी। वही अरब में ये रात 3 अप्रैल 2024 को ही हो जाएगी। क्योंकि वहां रमजान का चांद एक दिन पहले दिख गया था।
शब-ए-क़द्र (Night of Power) क्या है?
जिस रात में अल्लाह तआला ने कुरान मजीद को लौहे महफूज से ज़मीन पर आप हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर नाजिल किया था उसे लैलतुल कदर यानी शबे कद्र की रात (Laylatul Qadr 2024) कहा जाता है। कुरान में लिखा है कि ये रात 1000 महीने यानी 30 हजार दिन के बराबर है। इस रात जिस बंदे ने अल्लाह की इबादत की, कुरान की तिलावत की, जिक्र किया और सलातुल तस्बीह पढ़ी तो उसको एक हजार महीने यानी तीस हजार दिन यानी करीब 83 साल चार महीने की इबादत का सवाब मिलता है। इस रात में अगले पिछले तमाम गुनाह माफ कर दिए जाते हैं।
यह भी पढ़ें : Shabe Qadr Dua : शबे कद्र में ये दुआ पढ़े, 84 साल इबादत का सवाब मिलेगा
शबे कद्र किसी एक रात में है या पांचों में है?
शबे कद्र की पवित्र रात इन पांच विषम रातों (Ramadan Odd Nights) में से कोई एक रात ही होती है। जब अल्लाह रब्बुल इज्जत ने नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को लैलतुल कद्र की रात बताने का फैसला किया तभी मक्का में दो लोग आपस में झगड़ा कर रहे थे। उनके झगड़े की वजह से अल्लाह ने शबे कद्र की बरकत उठा ली और उसकी तारीख पांच रातों में छुपा दी। अब मुसलमान इन पांच रातों (Ramadan Odd Nights) में जागकर वो एक रात लैलतुल कद्र को तलाश करते हैं। भारत में 27वीं रात को ज्यादा महत्व दिया जाता है जो कि जल्द आने वाली है। जबकि Laylatul Qadr 2024 पांच में से कोई भी एक रात हो सकती है। अल्लाह हमें शबे कद्र की कदर करने की तौफीक अता फरमाएँ।