बीरा बणजे तू जायल रो जाट..बणजे खींयाला रो चौधरी पंक्तियों को नागौर के तीन किसान भाइयों ने फिर से साबित कर दिया है। शादी में पीहर की ओर से मायरे की रस्म होती है। हर बहन के लिए यह पल बहुत ही खास होता है। विवाह की इस रस्म को निभाने के लिए भाई सहित पीहर पक्ष के सभी सदस्य भी उतने ही खुश होते है जितनी बहन। हाल ही में नागौर जिले के जायल क्षेत्र के झाड़ेली गांव का मायरा चर्चा में है। केवल आसपास के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। किसान भाइयों ने अपनी भांजी की शादी में 3 करोड़ 21 लाख रुपए खर्च किए।
मायरे में गहने-कपड़ों से लेकर कई सामान दिया
बुरड़ी गांव निवासी भंवरलाल गरवा जब अपने तीनों बेटे हरेंद्र, रामेश्वर और राजेंद्र के साथ करोड़ों रुपए का मायरा अपनी बहन के घर झाड़ेली गांव पहुंचे तो हर कोई हैरान था। मायरे में इतने लोगों के साथ-साथ अनाज की बोरियों से भरी नई ट्रैक्टर-ट्रॉली देखकर लोगों की आंखे फटी की फटी रह गई। खबरों के अनुसार कुल 3 करोड़ का मायरा किया जिसमें थाली में नकद 81 लाख रुपए डालने के अलावा 16 बीघा जमीन, नागौर रिंग रोड पर करीब 30 लाख रुपए की कीमत का प्लॉट, 41 तोला सोना और 3 किलो चांदी के गहने दिए। मायरे में दुल्हन के लिए एक स्कूटी भी गिफ्ट की।
इकलौती बेटी है घेवरी देवी
बुरड़ी निवासी भंवरलाल गरवा की घेवरी देवी इकलौती बेटी है। हरेंद्र, रामेश्वर और राजेंद्र तीनों घेवरी देवी के भाई है। घेवरी देवी और भंवरलाल पोटलिया की बेटी अनुष्का की शादी में ही यह मायरा किया गया। बुधवार को अनुष्का की शादी ढ़ींगसरी निवासी कैलाश के साथ हुई। वहीं पिता का कहना था कि परिवार की इकलौती बेटी है और इसी की किस्मत से मेरे तीनों बेटों को इतना कुछ मिला है। तीनों भाइयों ने बहन को जब 500-500 रुपए के नोटों से सजी चुनरी ओढ़ाई तो भाइयों और पिता के इस सम्मान और प्यार को देखकर घेवरी देवी की आंखों में आंसू आ गए।