जयपुर। इस दुनिया में एक ट्रेन हादशा ऐसा भी हुआ है जिसकी वजह से एक पूरी ट्रेन अचानक से समुद्र में समा गई और उसमें बैठे 1700 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई। गौरतलब है कि भारत के ओडिशा राज्य के के बालासोर में शुक्रवार की शाम को भीषण ट्रेन हादसा हुआ जिसके बार चारों तरफ तरफ चीख पुकार मच गई। यह हादशा बहनागा स्टेशन के पास तब हुआ जब कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकरा गईं। इस भीषण हादसे में अब तक 237 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि, सैकड़ों लोग बुरी तरह घायल हैं। हालांकि, यह भारत का पहला बड़ा रेल हादसा नहीं बल्कि इससे पहले भी कई भीषण रेल हादसे हो चुके हैं। ऐसे में हम आपको बता दें कि 42 साल पहले हुए बिहार रेल हादसे (Bihar Train Accident) के बारे में जिसको देश का सबसे बड़ा रेल हादसा कहा जाता है।
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800 लोगों की हुई थी मौत
यह मनहूस दिन था 6 जून 1981 का। यात्रियों से खचाखच भरी एक ट्रेन मानसी-सहरसा रेल खंड पर बदला घाट-धमारा घाट स्टेशन के बीच बागमती नदी पर बने पुल संख्या-51 पर पलट गई थी। इस ट्रेन में कुल 9 बोगियां लगी थीं। ट्रेन की 9 बोगियां उफनती बागमती में जा गिरीं थी। यह ट्रेन मानसी से सहरसा को जा रही थी। इस हादसे में 800 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, 6 जून 1981 को मानसी तक ट्रेन सही सलामत बढ़ रही थी। शाम तीन बजे ट्रेन, बदला घाट पहुंची। थोड़ी देर रुकने के बाद ट्रेन धीरे-धीरे धमारा घाट की ओर चली।
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खराब मौसम बना हादशे का कारण
इस ट्रेन ने कुछ ही दूरी तय की थी कि मौसम खराब हो गया। तेज आंधी के बाद बारिश भी होने लगी। तब तक ट्रेन रेल के पुल संख्या 51 के पास पहुंच गई थी। ट्रेन अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी कि तभी अचानक ट्रेन के ड्राइवर ने ब्रेक लगा दी, जिसके बाद पैसेंजर ट्रेन की 9 बोगियां पुल से बागमती नदी में जा गिरीं। कई लोगों के शव कई दिनों तक ट्रेन की बोगियों में ही फंसे रहे थे। इस हादसे में मरने वालों की सरकारी आंकड़े के अनुसार संख्या 300 थी। लेकिन, स्थानीय लोगों के अनुसार हादसे में 800 के करीब लोग मारे गए थे। इस हादसे को देश के सबके बड़े रेल हादसे के रूप में याद किया जाता है।
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गाय और भैंसों का झुंड आया सामने
इस हादसे के पीछे कई थ्योरियां सामने आईं थी। कहा जाता है कि जब ट्रेन बागमती नदी को पार कर रही थी तभी ट्रैक पर गाय और भैंसों का झुंड सामने आ गया था, जिसे बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने ब्रेक मारी थी। वहीं, यह भी कहा जाता है कि उस समय बारिश तेज थी, आंधी भी थी, जिसके कारण लोगों ने ट्रेन की सभी खिड़कियों को बंद कर दिया था और तेज तूफान होने की वजह से पूरा दबाव ट्रेन पर पड़ा और बोगियां नदी में समा गईं। हालांकि, ड्राइवर ने ब्रेक क्यों लगाई थी, इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया है।
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ये थी दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेन घटना
आपको बता दें कि विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल हादसा भी हो चुका है। विश्व की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना श्रीलंका में 2004 में हुई थी। जब सुनामी की तेज लहरों में ओसियन क्वीन एक्सप्रेस समा गई थी। इस हादसे में 1700 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।