4th Shab e Qadr : कुरान मजीद को जिस पवित्र रात में नाजिल किया गया है उसे इस्लाम में लैलतुल कद्र यानी शबे कद्र की रात कहा गया है। हजार महीनों से अफजल ये रात आखिरे अशरे की विषम रातों में पाई जाती हैं। जैसे 21,23,25,27,29 रातों में ये शबे कद्र की रात होती है। इस रात में दुआएँ कुबूल होती हैं तथा मौला की खास रहमत लेकर रूहूल कुदूस जिब्रील अमीन फरिश्तों की जमात के साथ ज़मीन पर उतरते हैं। आज 25वां रोजा है और 26वीं तरावीह है। कल तीसरी शबे कद्र 4 अप्रैल की रात को थी। इससे पहले पहली शबे कद्र 31 को तथा दूसरी 2 अप्रैल को थी। अब हम आपको चौथी शबे कद्र (4th Shab e Qadr) भारत में कब है ये बता रहे हैं। रमजान की चौथी शबे कद्र (4th Shab e Qadr) को ही 27वीं रात कहा जाता है। आज रमजान का आखिरी जुमा है, जिसे अलविदा जुमा भी कहा जाता है। आप सबको हमारी टीम की जानिब से जुमातुल विदा की दिली मुबारकबाद पेश करते हैं।
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चौथी शबे कद्र कब है?
(4th Shab e Qadr)
पहली शबे कद्र की रात 31 मार्च 2024 को थी। दूसरी रात 23वीं रात यानी बाईसवें रमजान की रात 2 अप्रैल को थी। तीसरी शबे कद्र की रात 4 अप्रैल की रात को यानी 24वें रमजान की रात को थी। क्योंकि इस्लाम में हिजरी कैलेंडर शाम के समय से अगली शाम तक चलता है। मतलब रोजा अगर 26वां है तो उस दिन 27वीं रात होगी। ऐसे में भारत में चौथी लैलतुल कद्र (4th Shab e Qadr) की रात 6 अप्रैल 2024 की रात होगी। इसे ही 27वीं रात कहा जाता है।
लैलतुल क़द्र का क्या अर्थ है?
‘लैल’ का मतलब अरबी में रात से है जबकि क़द्र का मतलब सम्मान या इज्जत से है। इस प्रकार लैलतुल कद्र का मतलब है सम्मान और शान की रात। इसे ‘शब-ए-कद्र’ भी कहा गया हैं। जिस रात में कुरान शरीफ को आसमान से जमीन पर प्यारे आका सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नाजिल किया गया था। ये रात 1000 महीने के बराबर है। 27वीं शब (4th Shab e Qadr) में जिसने इबादत की तो उसे 83 साल और चार महीने की इबादत का सवाब मिलता है।
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शबे कद्र किसी एक रात में है या पांचों में है?
शबे कद्र की पाकीजा रात इन पांच विषम यानी ताक या वित्र रातों (Ramadan Odd Nights) में से कोई एक रात ही होती है। जब अल्लाह रब्बुल इज्जत ने नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को लैलतुल कद्र की रात बताने का फैसला किया तभी मक्का में दो लोग आपस में झगड़ा कर रहे थे। उनके झगड़े की वजह से अल्लाह ने शबे कद्र की बरकत उठा ली और उसकी तारीख पांच रातों में छुपा दी। अब मुसलमान इन पांच रातों (Ramadan Odd Nights) में जागकर वो एक रात लैलतुल कद्र को तलाश करते हैं। भारत में 27वीं रात को ज्यादा महत्व दिया जाता है जो कि कल ही है। हालांकि Laylatul Qadr 2024 पांच में से कोई भी एक रात हो सकती है। अल्लाह हमें शबे कद्र की कदर करने की तौफीक अता फरमाएँ। हमारी आपसे गुजारिश है कि 27वीं शब (4th Shab e Qadr) के साथ ही पांचवी शबे कद्र को भी रात जगे ताकि मौला की मजीद इनायत नसीब हो सके।