Alvida Jumma Khutba : रमजान का आखिरी जुम्मा आपको मुबारक हो। 5 अप्रैल 2024 को रमजान का अलविदा जुमा है। अलविदा जुमे के दिन की फजीलत कुरआन और हदीस में बयान की गई है। नबी ए करीम का फरमान है कि जुमे के दिन गुस्ल करके इत्र लगाकर नये कपड़े पहनकर जल्दी मस्जिद पहुंचे और मुझ पर कसरत से दरूद शरीफ पढ़ें। वैसे तो जुमे की नमाज से पहले खुत्बा पढ़ा जाता है, लेकिन अलविदा जुमे की नमाज का खुतबा (Alvida Jumma Khutba) अलग होता है जिसे अलविदाई खुतबा भी कहा जाता है। हम आपको इसी बारे में जानकारी दे रहे हैं। जुमे की दुआओं में हमारा भी हिस्सा रखें।
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अलविदाई खुतबा क्या है?
(Alvida Jumma Khutba)
अलविदा जुमा यानी रमजान के आखिरी जुमे को छोटी ईद भी कहा जाता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनकर खासकर छोटे बच्चे नए कुर्ता-पायजामा पहनकर जुम्मे की नमाज अदा करते हैं। अलविदा जुमा को नबी ए पाक हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अलविदा-अलविदा मिन शहरे रमजान का खुतबा दिया था। इसलिए आज भी मस्जिदों के इमाम अलविदाई खुतबा ही पढ़ते हैं। ये सामान्य जुमे के खुतबे से थोड़ा अलग होता है। इसमें रमजान के महीने के अलविदा होने के दर्द को बयान किया गया है। जुमातुल विदा के दिन खास रूप से ये खुतबा पढ़ना नबी की सुन्नत है।
खुतबा क्या होता है?
जुमे के दिन जो नमाज से पहले धर्म उपदेश दिया जाता है उसे खुतबा (Jumma Khutba) कहा जाता है। खुतबा पढ़ने वाले बंदे को खतीब कहा जाता है। नबी की सुन्नत है कि खुतबा के बीच में एक बार बैठना चाहिए। साथ ही मिंबर पर खड़े होकर खुतबा पढ़ा जाए। खुतबा को ध्यान से सुनने का बहुत सवाब है। खुतबे के बीच एक घड़ी ऐसी आती है जब कोई भी दुआ फौरन कुबूल होती है।
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जुमातुल विदा की नमाज का तरीका (Alvida Jume ki Namaz)
जुहर की नमाज में 12 रकात होती है। लेकिन जुमे की नमाज में कुल 14 रकात होती है। जुम्मा की नमाज में सुन्नत, फर्ज और नफ्ल नमाज मिलाकर 14 रकात नमाज अदा की जाती है। सबसे पहले 4 रकात सुन्नत अकेले में पढ़ लें। फिर 2 रकात फर्ज इमाम साहब के पीछे पढ़ी जाएगी। उससे पहले खुत्बा होगा। इसके बाद जुम्मे की 4 रकात सुन्नत नमाज पढ़ें। इसके बाद फिर 2 रकात सुन्नत और आख़िर में 2 रकात नफ्ल नमाज पढ़ी जाएगी। यानी जैसे आम दिनों का जुमा होता है वैसे ही अलविदा जुमे की नमाज पढ़ी जाएगी। केवल खुतबा अलग है।