Ramadan Day 27 Dua: मुसलमानों का मुबारक महीना रमजान का तीसरा अशरा 31 मार्च की शाम से शुरु हो चुका है। आज 7 अप्रैल 2024 को 27वां रोजा रखा जा चुका है। जहन्नम की आग से खुलासी का ये तीसरा अशरा ईद के चांद दिखने पर तीस रमजान को खत्म होगा। तीसरे अशरे में शबे कद्र का दौर शुरु हो चुका है। कल 6 अप्रैल 2024 को चौथी लैलतुल कद्र की रात हो चुकी है। हर रमजान के लिए एक खास दुआ हुजूर-ए-अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बताई है जिसे उस दिन खुसूसी तौर पर पढ़नी चाहिए। 27वें रमजान को एक खास दुआ (Ramadan Day 27 Dua) पढ़नी चाहिए जिससे अल्लाह आपको शब-ए-क़द्र की फज़ीलत नसीब फरमा देंगे। ईद का चांद 10 अप्रैल को नजर आ सकता है। आज 7 अप्रैल 2024 के दिन 28वीं तरावीह होगी।
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27वें रमजान की खास दुआ (Ramadan Day 27 Dua)
Allahumma arzuqny fihi fadla laylati alqadri wa sayyir ’umury fihi mina al`usri ila aliyusri
waqbal ma`adhiri wa hutt `anni aldhdhanba wal-uizra ya ra’ufan bi`ibadihi alssalihina
ऐ अल्लाह आज के दिन मुझे शब-ए-क़द्र की फज़ीलत नसीब फरमा, मेरे सख्त कामों को आसान बना, मेरे उज़्र को कुबूल कर, और मेरे कंधों से गुनाहों का बोझ उतार दे, ऐ अपने नेक बंदों पर मेहरबानी करने वाले
Aye Allah Aaj Ke Din Mujhe Shab-e-Qadr Ki Fazeelat Naseeb Farma, Mere Saqt Kaamon Ko Aasaan Bana, Mere Uzr Ko Qubool Kar, Aur Mere Kaandhon Se Gunahon Ka Bojh Utaarde, Aye Apne Neik Bandon Par Meharbani Karne wale.
اَللّـهُمَّ ارْزُقْني فيهِ فَضْلَ لَيْلَةِ الْقَدْرِ، وَصَيِّرْ أموري فيهِ مِنَ الْعُسْرِ إلى الْيُسْرِ، وَاقْبَلْ مَعاذيري، وَحُطَّ عَنّيِ الذَّنْبَ وَالْوِزْرَ، يا رَؤوفاً بِعِبادِهِ الصّالِحينَ
O Allah on this day (please) provide me with the merits of the Grand Night, And convert my affairs from difficulty into easiness, And accept my apologies, And let off my sins and burdens; O He Who is kind with His righteous servants.
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27वें रमजान को क्या है खास ?
27वें रमजान यानी 7 अप्रैल 2024 को तीसरे अशरे का 7वां दिन है। तीसरे अशरे में दोजख की भड़कती आग से पनाह की ये दुआ अल्लाहुम्मा अजिरनी मिन्ननार हमेशा पढ़ते रहे। इंशाअल्लाह आपको जहन्नम की आग से पनाह मिल जाएगी। 20वें रमजान की शाम से ईद का चांद दिखने तक बंदा मस्जिद में तन्हाई में मौला की इबादत करता है। ऐतिकाफ का सवाब दो हज और दो उमरे के बराबर होता है। 27वें रमजान को ये खास दुआ (Ramadan Day 27 Dua) पढ़ने से अल्लाह आपके कंधों से गुनाहों का बोझ उतार देगा और आपको लैलतुल कद्र की रात में 84 साल इबादत करने का सवाब अता फरमा देगा।