भाजपा तीसरे साल भी अपना रुतबा कायम रखने के लिए लोकसभा चुनावों की तैयारी में लग चुकी है वहीं कर्नाटक चुनावों में मिली जीत से कांग्रेस अति उत्साहित है। कर्नाटक में भाजपा की करारी हार के बाद पार्टी अपने समीकरणों को एक बार फिर से 'रिसेट' करने के मूड में है। मंगलवार को भी सुबह 11 बजे से गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष और कई अन्य शीर्ष पदाधिकारियों की बैठक पार्टी कार्यालय पर शुरु हुई। देर तक चली इस बैठक से कयास लगाए जा रहे है कि पार्टी में जल्द ही बड़े बदलाव होंगे। बदलाव की इस प्रक्रिया में संगठन के कुछ लोगों को सरकार में भेजा जा सकता है तो सरकार से कुछ नेताओं को संगठन में लाकर उन्हें अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
केंद्रीय इकाई में होंगे बड़े बदलाव
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आगामी चुनावों को देखते हुए अपने संगठनात्मक तंत्र को मजबूत करने के मकसद से पिछले 24 घंटे में मैराथन बैठकें की। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक चुनावों के बाद 2024 में पार्टी के सामने कई राज्यों में बड़ी चुनौती मिल सकती है। इसे देखते हुए पार्टी अपनी रणनीति में बदलाव करने जा रही है। गंभीरता से विचार करते हुए पार्टी के नेताओं ने बैठक में कई बदलावों को लेकर विचार विमर्श किया। खबरो के मुताबिक पार्टी की केंद्रीय इकाई में बड़े बदलाव के साथ साथ चुनावी राज्यों की टीमों में भी बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। संगठन के कुछ लोगों को सरकार में भेजा जा सकता है तो वहीं सरकार से कुछ नेताओं का ट्रांसफर संगठन हो सकता है। संगठन के पदाधिकारियों का नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
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कई राज्यों में अध्यक्ष पद पर बदलाव
इस दौरान चुनावी राज्यों में चुनाव प्रभारी नियुक्त करने समेत कई राज्यों के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्षों और बीजेपी की केंद्रीय टीम में बड़े फेरबदल को लेकर चर्चा हुई। बैठक में मध्य प्रदेश के अध्यक्ष पद पर नया चेहरा लाने के साथ ही कई अन्य राज्यों में अध्यक्ष पद पर बदलाव किया जाएगा। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत कई अहम राज्यों के प्रभारी भी बदले जाएंगे। बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में 2024 में चुनाव होने वाले है। एक तरफ भाजपा की कोशिश जहां राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मौजूदा कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की है वहीं मध्य प्रदेश में सत्ता बचाए रखने की भी उसके समक्ष चुनौती है। तेलंगाना में भी 2014 से शासन कर रही भारत राष्ट्र समिति को पटखनी देने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।