Ramadan Day 28 Dua : मुसलमानों का मुबारक महीना रमजान का तीसरा अशरा 31 मार्च की शाम से शुरु हो चुका है। आज 8 अप्रैल 2024 को 28वां रोजा रखा जा चुका है। जहन्नम की आग से खुलासी का ये तीसरा अशरा ईद के चांद दिखने पर तीस रमजान को खत्म होगा। तीसरे अशरे में शबे कद्र का दौर शुरु हो चुका है। 6 अप्रैल 2024 को चौथी लैलतुल कद्र की रात हो चुकी है आज 8 अप्रैल की शाम को पांचवीं और आखिरी लैलतुल कद्र है। 8 अप्रैल को भारत में 28वीं शब होगी जिसे लास्ट लैलतुल कद्र (5th Shabe Qadr) की रात भी कहा जाता है। हर रमजान के लिए एक खास दुआ हुजूर-ए-अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बताई है जिसे उस दिन खुसूसी तौर पर पढ़नी चाहिए। 28वें रमजान को एक खास दुआ (Ramadan Day 28 Dua) पढ़नी चाहिए जिससे अल्लाह आपको नफ्ली इबादात में ज्यादा हिस्सा अता करेंगे। ईद का चांद 10 अप्रैल को नजर आ सकता है। आज 8 अप्रैल 2024 के दिन 29वीं तरावीह होगी।
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28वें रमजान की खास दुआ (Ramadan Day 28 Dua)
Allahumma waffir hazzy fihi mina alnnawafili wa akrimny fihi biihdari almasa’ili
wa qarrb fihi wa silaty ilayka min bayni alwasa’ili ya man la yashghaluhu ilhahu almulihhina
ऐ अल्लाह आज के दिन नफ्ली इबादात से मुझे ज्यादा हिस्सा दे, और इसमें मुझे मसाइल-ए-दीन याद करने से इज्जत दे, और इसमें तमाम वसीलों में मेरे वसीलो को अपने हुजूर करीब फरमा, ऐ वो ज़ात जिसे इसरार करने का इसरार दूसरों से गाफ़िल नहीं करता
Aye Allah Aaj Ke Din Nafli Ibaadaat Se Mujhe Zyada Hissa De, Aur Isme Mujhe Masa’el-e-Deen Yaad Karne Se Izzat De, Aur Isme Tamam Wasilon Me Mere Wasilo ko Apne Huzoor Qareeb Farma, Aye Woh Zaat Jise Israr Karne Ka Israr Dusron Se Gafil Nahi Karta.
O Allah on this day decide for me a share of the supererogatory acts, And honor me by making me care for its matters, And make near my means to You from among the other means; O He Whom is not preoccupied by the earnest entreaty of the insisters.
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28वें रमजान को क्या है खास?
28वें रमजान यानी 8 अप्रैल 2024 को तीसरे अशरे का 8वां दिन है और 5वीं शबे कद्र है। तीसरे अशरे में दोजख की भड़कती आग से पनाह की ये दुआ अल्लाहुम्मा अजिरनी मिन्ननार हमेशा पढ़ते रहे। इंशाअल्लाह आपको जहन्नम की आग से पनाह मिल जाएगी। 20वें रमजान की शाम से ईद का चांद दिखने तक बंदा मस्जिद में तन्हाई में मौला की इबादत करता है। ऐतिकाफ का सवाब दो हज और दो उमरे के बराबर होता है। 28वें रमजान को आखिरी लैलतुल कद्र में ये खास दुआ पढ़ने से अल्लाह आपको नफ्ली इबादत में ज्यादा हिस्सा अता करेंगे।