अयोध्या में 500 वर्ष बाद रामजन्मभूमि पर बने राममंदिर में पहली रामनवमी धूमधाम से मनाए जाने की तैयारी है। स्थानीय प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट ने अभी से सारे इंतजाम चाक-चौबंद करने शुरू कर दिए हैं। रामनवमी पर मंदिर में ठीक दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर अभिषेक करेंगी। इसके लिए वैज्ञानिकों की एक टीम भी जुटी हुई है जो विशेष यंत्रों की मदद से इस स्वप्न को साकार करेगी।
मंदिर में दर्शन के लिए बनेंगी 7 कतारें
रामजन्मभूमि ट्रस्ट के अनुसार मंदिर में रामलला के दर्शनों के लिए सात कतारें बनाई जा रही है। इनमें से दो लेन वीआईपी, एक लेन व्हील चेयर वालों के लिए और एक लेन फास्ट ट्रैक मार्ग के लिए रिजर्व रखी जाएगी। बाकी तीन लेन पर सभी भक्तजन आ सकेंगे। फास्ट ट्रैक मार्ग पर भक्तों को जूता, चप्पल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाईसेज, पेन, घड़ी, मोबाइल आदि के बिना जाना होगा।
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मंदिर में बनेगा 750 मीटर का परिक्रमा मार्ग
मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार मंदिर का परकोटा (अथवा परिक्रमा) निर्माण का कार्य चल रहा है। इस कार्य में L&T, TCS और उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम मिल कर जुटे हुए हैं। मंदिर का परिक्रमा मार्ग 850 मीटर लंबा होगा। मंदिर के पहले और दूसरे तल सहित राम दरबार और कुबेर टीले का काम पूरा हो चुका है। वर्ष 2024 तक राममंदिर का काम पूरा होने की उम्मीद मानी जा रही है।
सभी को दर्शन सुगमता से हो सके, इसके लिए मंदिर में बेरिकेडिंग लगा कर व्यवस्था बनाई जा रही है। माना जा रहा है कि रामनवमी पर मंदिर में लगभग 15 लाख श्रद्धालु दर्शन करेंगे। मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए रामनवमी पर मंदिर को 24 घंटे खुला रखा जाएगा।
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भक्तों के लिए चलेंगी 120 बसें
नवरात्रि तथा रामनवमी के अवसर पर रोजवेज लगभग 120 एक्स्ट्रा बसें चलाने की तैयारी में हैं। आसपास के जिलों से ये सभी बसें भक्तों को अयोध्या तक लेकर आएगी। इसके लिए अस्थाई बस अड्डे भी बनाए जा रहे हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं और भक्तों के ठहरने और खाने-पीने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।