Phalodi Satta Bazar : राजस्थान लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। पिछले 2 चुनाव में बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर लगातार जीत हासिल की है और इस बार भी 25 सीटें जीतकर हैट्रिक लगाने की बात कह रही है। लेकिन सट्टा बाजार के भाव की बात करें तो इस बार बीजेपी की हैट्रिक का सपना अधूरा रह सकता है। सट्टा बाजार में कांग्रेस को इस बाद 2 से 3 सीट और एक सीट पर निर्दलीय की जीत का दावा किया है। लेकिन सट्टा बाजार में मोदी सरकार के मंत्रियों पर भी हार का संकट मंडरा रहा है और इसी वजह से पीएम इन सीटों पर वोटरों को साधने के लिए रैलियां कर रहे हैं।
मिशन 25 पर संकट
बीजेपी ने इस बार मिशन 25 को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है। लेकिन इस बार उसको एक से दो सीट का नुकसान हो सकता है और इसी वजह से मिशन 25 फेल होने की बात कही जा रही है। बीजेपी को जिन सीटों पर ज्यादा डर है या फिर थोड़ी परेशानी होती दिख रही है वहां पीएम मोदी की संभा आयोजित करवाई जा रही है। सट्टा बाजार का दावा कितना सही साबित होता है यह तो 4 जून को परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।
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सट्टा बाजार का नया दावा
सट्टा बाजार ने कुछ सीटों पर कांग्रेस की स्थिति को मजबूत बताया है और इसी वजह से बीजेपी उन सीटों पर ज्यादा मेहनत कर रही है। लेकिन सट्टा बाजार ने इस बार मोदी सरकार को 350 सीटे मिलने का भी दावा किया है लेकिन राजस्थान में 22 से 23 सीट मिलने की बात कही है। इस वजह से बीजेपी के बड़े नेता कमजोर सीटों पर ज्यादा ध्यान दे रही है।
पीएम के रैलियों से बदलेगा भाव
सट्टा बाजार ने जिन सीटों पर हार का दावा किया है उस जगह पीएम मोदी ने रैली की है और इसके कारण उन सीटों का भाव बदल सकता है। पीएम भी इस बात को जानते है कि राजस्थान लगातार 25 सीटें दे रहा है और इस भी ऐसा होगा तो दिल्ली में सरकार बनाने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। पीएम ने अब तक सभी संभागों में सभा कर चुके है और पहले चरण के मतदान का भी समय पास आ चुका है।
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दिग्गज नेताओं की सीट पर खतरा
मोदी सरकार के मंत्रियों को इस बार राजस्थान में ज्यादा डर है क्योंकि सट्टा बाजार में इन सीटों पर कड़ी टक्कर बताई है। अगर आने वाले दिनों में बीजेपी सट्टा बाजार के दावों को प्रचार के माध्यम से बदल देती है तो यह उनके लिए फायदेमंद साबित होगा। लेकिन सट्टा बाजार का दावा भी हमेशा सही साबित होता है और इस बार भी ऐसा होता दिख रहा है। क्योंकि जिन सीटों पर हार का खतरा है वहां बीजेपी को गुटबाजी या फिर विकास नहीं होने के कारण विरोध का सामना करना पड़ रहा है।