Gangadhareshwara Shiv Mandir Karnataka: भारत की भूमि पर कई रहस्यमयी और चमत्कारिक मंदिर है। उन्हीं में से एक है कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर में स्तिथ प्राचीन शिव मंदिर जिसे ‘गवी गंगाधरेश्वर मंदिर’ के नाम से जाना जाता है। 9वीं शताब्दी में कैम्पे गौड़ा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके बाद 16वीं शताब्दी में फिर से इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। मंदिर में मौजूद शिवलिंग स्वयंभू है, जो स्वयं ही प्रकट हुआ है, बनाया नहीं गया है।
प्रतिवर्ष मकर संक्रान्ति के अवसर पर गवी गंगाधरेश्वर मंदिर में अद्भुत घटना देखने को मिलती है। इस दिन सूर्य देव खुद अपनी किरणों से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि, साल के अन्य कोई भी दिन सूर्य की किरणें शिवलिंग तक नहीं पहुंच पाती है। दरअसल, मकर संक्रांति के दिन जब सूर्य देव उत्तरायण होते है, उस समय सिर्फ 5 से 8 मिनट के लिए सूर्य किरणें गर्भगृह तक पहुंच पाती है और शिवलिंग का अभिषेक करती है।
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वास्तु का अद्भुत उदारहण
आमतौर पर यह नजारा सूर्यास्त के समय दिखाई देता है, जोकि अद्भुत और खूबसूरत होता है। इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। गवी गंगाधरेश्वर मंदिर का वास्तु भी बेहद ख़ास है। मंदिर दक्षिण-पश्चिमी दिशा अर्थात नैऋत्य कोण की तरफ देखता हुआ है। मंदिर निर्माण इस तरह किया गया है कि, साल में केवल एक बार ही सूर्य की किरणें शिवलिंग तक पहुंचती है। इससे स्पष्ट है मंदिर का नक्शा परफेक्ट वास्तुविद नक्षत्र विज्ञानी ने बनाया था।
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घी से बनता है मक्खन
कर्नाटक के इस गवी गंगाधरेश्वर मंदिर की खासियत है कि, जब भी इस शिवलिंग पर घी चढ़ाया जाता है तो वह मक्खन में परिवर्तित हो जाता है। आमतौर पर हमेशा मक्खन से घी बनाया जाता है, लेकिन घी से मक्खन बनने का यह चमत्कार सिर्फ इस मंदिर में स्तिथ स्वयंभू की कृपा से ही संभव नजर आता है।