Non-veg biscuits chocolates: हम लोग अक्सर नाश्ते में या फिर चाय के साथ बिस्किट आदि का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि अब बिस्किट -चॉकलेट में भी मांसाहार उपयोग किए जा रहे हैं। शाकाहारी भोजन और मांसाहारी भोज्य पदार्थों को लाल और हरे रंग में प्रदर्शित किया जाता है। लेकिन उपभोक्ता को ये मालूम नहीं कि इन पैकेट्स में आखिर उनको क्या परोसा जा रहा है।
शाकाहारी और मांसाहारी को वर्गीकृत करने के खेल में समाज के लोगों को जबरदस्त तरीके से धोखा दिया जा रहा है। और सबसे बड़ी बात है इसमें राज्य सरकारें भी शामिल हैं। मांसाहारी भाज्य सामाग्री को प्रोडेक्ट सोर्स E सोर्स के जरिए प्रदर्शित किया जाता है। लेकिन इस सूचना से आम नागरिक वंचित है। हर घर में पाए जाने वाले पारले,सनफीस्ट,नेस्ले,प्रिया गोल्ड,ब्रिटेनिया,कैडबरी आदि कंपनी के प्रोडेक्ट्स में मांसाहार (Non-veg biscuits chocolates) का मिश्रण पाया गया है। इससे पहले भी मैगी लेज कुरकुरे में मांसाहार का मिश्रण पाया गया था।
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सरकारी अधिसूचना के अन्तर्गत पशू- पक्षियों के बाल,नाखून,पंख,चर्बी और अंडे की जर्दी को मांसाहार की श्रेणी (Non-veg biscuits chocolates) से बाहर रखा गया है। जिसके दम पर अलग अलग कंपनियां इन प्रोडेक्ट्स को हरे रंग का सिम्बॉल लगाकर बेच रही हैं। जबकि धर्म गुरु और जागरुक नागरिक इन चीजों को मांसाहार मानते हैं। साथ ही इन चीजों को खाने से परहेज करते हैं। भारत सरकार ने भी इन पदार्थों को सीधा मांसाहार लिखने की बजाए ई नंबर के कोड के जरिए प्रदर्शित करवा रही है।
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इन प्रोडेक्ट पर ये हैं E कोड
- बिस्किट – E 471, E 322, E 481
- मैंगो जूस – E 471, E 322, E 481
- टॉफी – E 471, E 481
- मिल्क पाउडर – E 471, E 322
- चॉकलेट – E 471, E 476, E 442
- पिज्जा – E-631
- नूडल्स – E 631, E 627
इन कोड्स में शामिल ये तत्व
- E 476 – अलकोहल तत्व
- E 322 – गाय का मांस
- E 442 – अल्कोहल तत्व ओर केमिकल
- E 422 – अल्कोहल तत्व
- E 481 – गाय और सुअर के मांस के संघटक
- E 631 सुअर की चर्बी का तेल
- E 627 – घातक केमिकल
- E 471 – गाय का मास ओर अलकोहल तत्व
- E 472 – गाय + सुअर + बकरी के मांस के संघटक