Shawwal ka Wazifa : रमजान के बाद ईद मनाई जा चुकी है। शैतान आजाद हो चुका है। अब मोमिनों को ज्यादा सावधान रहना होगा क्योंकि शयातीन आपको इबादत और जिक्र से रोकेंगे। ईद के महीने को शव्वाल कहा जाता है। इसमें भी 6 नफ्ली रोजे रखे जाते हैं। हम आपको शव्वाल का खास वजीफा (Shawwal ka Wazifa) बता रहे हैं। ताकि आप लोग रमजान के बाद भी ईद के महीने में मजीद सवाब हासिल कर सकें। हम जो भी दुआ वजीफा या अमल बताएंगे उसे आपको सच्चे दिल और अकीदे के साथ करना है। तभी अल्लाह की ज़ात से मदद हासिल होती है। इंशा अल्लाह वजीफे की बरकत से शव्वाल का महीना भी आपके लिए रमजान की तरह बरकतों वाला साबित होगा। हमें भी अपनी दुआओं में शरीक करें।
यह भी पढ़ें : Aaj ka Wazifa 14 April 2024: आज का वजीफा, ये पढ़ लिया तो मिलेगी बेपनाह दौलत
शव्वाल का वजीफा हिंदी में
(Shawwal ka Wazifa)
अस्र की नमाज के बाद ये वजीफा (Shawwal ka Wazifa) आपको शव्वाल के महीने में करना है। इससे आपको बेपनाह रहमतों और बरकत अता होगी। और ग़ैब से अल्लाह की मदद आएगी। बस दिल में नीयत रखे कि अल्लाह हमें देख रहा है और वही हमारी हाजत को पूरा करेगा।
1. वजीफे से पहले 3 बार दरूद-ए-इब्राहीम पढ़ें।
2. 100 बार अल्लाह का नाम या-सलामु (Ya Salamu) पढ़ना है।
3. वजीफे के बाद फिर से 3 बार दरूद-ए-इब्राहीम पढ़ें
यह भी पढ़ें : Shawwal ke Roze : ईद के बाद 6 रोजे कब रखें, मुस्लिम बंधु जान लें
या सलामु का मतलब (Ya Salamu Ka Wazifa)
अल्लाह के 99 नामों में से एक अल सलामु का मतलब होता है सलामती वाला। अल्लाह का ये नाम जब आप दरूद शरीफ की हिफाजत में अस्र के वक्त पढ़ते है तो आसमान से मौल की मदद नाजिल होती है। किसी भी तरह की बीमारी में ये वजीफा कारगर साबित है। बस दिल से अल्लाह पर यकीन रखें।