Bhimrao Ambedkar Shayari in Hindi: देश आज 14 April 2024, रविवार को बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी की जन्मतिथि मना रहा है। उन्हें भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाज सुधारक के तौर पर पहचाना जाता है। मध्य प्रदेश के महू में जन्मे बाबासाहेब ने हिंदू पंथ में व्याप्त कुरूतियों और छुआछूत की प्रथा से तंग आकर सन 1956 में बौद्ध धर्म अपना लिया था। उन्होंने अपने जीवन में दलित बौद्ध आंदोलन को दिशा दी।
अंबेडकर जी ने अछूतों अथवा दलितों से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। वह भारत सरकार में 1947 से 1951 तक कानून मंत्री रहे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय से 1915 और 1916 में क्रमशः एमए और पीएचडी किया। वह अपने समय के भारत में सबसे अधिक पढ़े-लिखे राजनेता और विचारक थे। बताया जाता है कि अंबेडकर जी 64 विषयों में मास्टर थे और 9 भाषाओं के जानकार थे। उन्होंने विश्व के सभी धर्मों की गहराई से पढ़ाई की।
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‘जय भीम’ नारे से देते है सम्मान
सन 1990 में अम्बेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया गया था। आज भी अम्बेडकर जी और बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा प्रयुक्त अभिवादन ‘जय भीम’ उनके सम्मान के तौर पर लिया जाता है।
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अम्बेडकर जी की हिंदी शायरियां
है ये सारा जहां जिनकी शरण में, हमारा है नमन उन बाबा के चरण में
है पूजा के योग्य बाबा हम सबकी नजर में, आप मिलकर फूल बरसायें बाबा के चरण में !!
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आज का दिन है बड़ा महान, बनकर सूरज चमका इक इंसान
कर गये सबके भले का ऐसा काम, बना गये हमारे देश का संविधान !!
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नज़ारे देखे हमने हजारों, देखा न कभी ऐसा नजारा
आसमां में देखे सितारे बहुत, पर भीम जैसा सितारा न देखा !!
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कुरान कहता है मुसलमान बनो, बाइबल कहता है ईसाई बनो,
भगवत गीता कहती है हिन्दू बनोलेकिन मेरे बाबासाहेब का संविधान कहता है मनुष्य बनो !!
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रुतबा मेरे सर को तेरे संविधान से मिला है, ये सम्मान भी मुझे तेरे संविधान से मिला है
औरो को जो मिला है वो मुकदर से मिला है, हमें तो मुकदर भी तेरे संविधान से मिला है
ना ‘जिंदगी’ की खुशी, ना ‘मौत’ का गम, जब तक है..दम..जय भीम कहेंगे हम….!!