पाकिस्तान में जैसे ही कच्चे तेल का कार्गो शिप पहुंचा पाकिस्तानी हुक्मरान सस्ते तेल का जश्न मनाने लगे। दरअसल रुस से पाकिस्तान को रियायती कच्चे तेल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। इस तेल की कीमत पाकिस्तान ने चीनी मुद्रा युआन में चुकाई है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे अभूतपूर्व घटनाक्रम बताया है। पाकिस्तान को पहली खेप में 45000 टन कच्चा तेल मिला है।
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अमेरिका को रास नहीं आया पाकिस्तान-रुस का साथ
पाकिस्तान का रुस से तेल की आपूर्ति करवाना अमेरिका को पसंद नहीं आया। अमेरिका ने पहले ही कहा था कि जो भी रुस के साथ व्यापार करेगा उन देशों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे। लेकिन अभी पाकिस्तान की स्थिति ऐसी नहीं है कि वो अमेरिका को कुछ दे सके या खुश कर सके। वहीं कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि पाकिस्तान यह सब करके अमेरिका को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि इससे अमेरिकी प्रशासन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पर दबाव बनाकर जल्द से जल्द बकाया कर्ज को दिलवाने में मदद करेगा।
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चीन से मांगा अधिक कर्ज
पाकिस्तान रुस से रियायती कच्चे तेल की आपूर्ति का पेमेंट चीनी मुद्रा युआन में कर रहा है। पाकिस्तान चाहता है कि चीन उसे और अधिक कर्ज दें क्योंकि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर बचे नहीं हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण रूस डॉलर में भुगतान को स्वीकार नहीं सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले कर्ज में हो रही देरी के बारे में भी पाकिस्तान ने चीन को जानकारी दे दी है। चीनी अधिकारियों ने भी पाकिस्तान को आश्वासन दिया है कि वे पाकिस्तान को जल्द ही पैसा भेज सकते हैं।