Phalodi Satta Bazar 21 April 2024: राजस्थान में पहले चरण की 12 सीटों पर मतदान प्रकिया शंतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गई है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार मतदान 57.87 फीसदी हुआ जो पिछले चुनावों के मुताबिक 5 प्रतिशत कमी है। इस बार इनमें 57.26% EVM और 0.61% पोस्टल बैलट से मतदान हुआ है।
2009 में वोटिंग प्रतिशत 48.12 रहा। 2014 में मतदान बढ़कर 61.66 प्रतिशत पहुंच गया। साल 2019 में ये आंकड़ा थोड़ा बढ़ कर 63.71 फीसदी तक चला गया। लेकिन इस बार मतदान प्रतिश घटते हुए 58 प्रतीशत रह गया। 2019 के मुकाबले करीब 5.84 फीसदी कम मतदान हुआ है।
कांग्रेस को फायदा
2004 और 2009 में वोटिंग प्रतिशत घटने से इसका सीधा फायदा कांग्रेस को हुआ था। आमतौर पर राजस्थान में यह धारण है कि विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़े तो राज्य सरकार को टेंशन हो जाती है। वहीं लोकसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो भाजपा को फायदा मिलता है। ऐसे में इस बार पहले चरण की 12 सीटों पर कम वोटिंग ने बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है। इन आंकड़ों की बात करें तो मतदान प्रतिशत कम होने से कांग्रेस को खात खुलने की उम्मीद ज्यादा है।
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जीत का अंतर भी कम रहेगा
पहले चरण में कम वोटिंग होने से भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट शेयर में ज्यादा अंतर नहीं रहेगा। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के वोट शेयर में करीब 24 फीसदी का अंतर रहा था और इसके कारण कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था। इस कारण कांग्रेस पिछले दो बार से ‘जीरो’ पर अटकी है। इस बार कम वोटिंग से कांग्रेस में कुछ आस जगी है।
सट्टा बाजार ने किया बड़ा दावा
मतदान प्रतिशत कम होने को लेकर भी सट्टा बाजार ने बड़ा दावा किया है और आशंका जताई है कि इसका ज्यादा नुकसान बीजेपी को होगा। लेकिन कांग्रेस को इससे ज्यादा फायदा तो नहीं होगा लेकिन उसका खाता जरूर खुल जाएगा। ऐसे में अब देखना होगा की दूसरे चरण भी मतदान प्रतिशत कम होता है या फिर बढ़ता है।
2009 में कांग्रेस का राजस्थान में वोट शेयर 47 और भाजपा का 36 फीसदी था। कांग्रेस ने तब 20 सीटें जीती थीं और बीजेपी ने चार। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी।
2014 में मोदी लहर के कारण प्रदेश राजस्थान के 55.6 फीसदी वोटर्स ने मतदान किया। वहीं कांग्रेस का वोट शेयर 2009 की तुलना में 17 फीसदी तक गिरकर 30.7 फीसदी पर आ गया। बीजेपी ने सभी 25 सीटें जीत ली।
2019 के लोकसभा चुनावों में राजस्थान की सभी 25 सीटें भाजपा के खाते में गईं।