जयपुर। National Civil Service Day 2024 IAS Harshika Singh Story : आज 21 अप्रैल को National Civil Service Day 2024 मनाया जा रहा है। इस दिवस की शुरूआत भारत के पहले गृहमंत्री वल्लभभाई पटेल ने 1947 में की थी। उस समय पटेल ने अपने आवास पर प्रोबेसनर्स सिविल अधिकारियों को संबोधित किया था। तभी से लेकर आज तक नेशनल सिविल सर्विस डे मनाया जाता है। इस दिवस पर ऐसे सिविल सर्विस अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में अभूतपर्व योगदान दिया है। ऐसी ही एक अफसर है IAS हर्षिका सिंह जिन्होंने अपने दम पर मध्यप्रदेश के मंडला जिले की कलेक्टर रहते हुए जिले की सूरत बदल कर रख दी और जिसके लिए एउन्हें प्रधानमंत्री ने भी सम्मानित किया।
मंडला को बनाया देश का पहला पूर्ण कार्यात्मक साक्षर जिला
महिला कलेक्टर हर्षिक सिंह (IAS Harshika Singh) ने आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में ऐसा काम किया जिसके उन्हें प्रधानमंत्री ने भी सम्मानित किया। तत्कालीन कलेक्टर हर्षिका सिंह ने 2021-22 में मंडला जिलो को भारत का पहला पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता का दर्जा दिलाने में कामयाबी हासिल की थी।
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने चलाया अभियान
मंडला जिले के निवासियों को पूर्ण साक्षर बनाने के लिए कलेक्टर हर्षिका सिंह ने 2020 में वहां एक अभियान चलाया था। इसमें सबसे खास बात ये थी कि अभियान में किसी तरह राशि खर्च नहीं की गई। क्योंकि यहां निवासियों को साक्षर बनाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभागों को नियोजित गया था। जिले में निरक्षण से साक्षर के लिए कक्षाएं चलाई गईं। यहां के गांवों की पढ़ी लिखी महिलाओं ने सक्षर ज्ञान देने के लिए लगातार प्रयास किए जिनकी हर्षिक सिंह भी अनवरत रूप से मॉनिटिरिंग करती रही।
मंडला को 68 से 100 प्रतिशत साक्षर बनाया
मंडला जिले की साक्षरता दर IAS हर्षिका सिंह (IAS Harshika Singh) के इस अभियान के पूर्व 2011 में 68 फीसदी थी जिनको उन्होंने 100 फीसदी कर दिखाया। उन्होंने यह अभियान आदिवासियों से ठगी होने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शुरू किया। आदिवासियों की तरफ से अक्सर अधिकारियों से धोखाधड़ी करने वालों द्वारा उनके बैंक खातों से पैसे निकाले जाने की शिकायतें की थीं। इन घटनाओं के पीछे का मूल कारण ये था कि वो लोग कार्यात्मक रूप से सक्षर नहीं थे। इस समस्या के समाधान हेतु तत्कालीन कलेक्टर हर्षिका सिंह ने लोगों को कार्यात्मक रूप से साक्षर करने का अभियान छेड़ा। उन्होंने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को शिक्षित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग, आआंगनबाड़ी और सामाजिक कार्यकर्ताओं को साथ लेकर 15 अगस्त 2020 से उनको कार्यात्मक रूप से साक्षर करने के लिए एक व्यापक अभियान छेड़ा। इसके बाद सिर्फ 2 वर्ष के अंदर पूरा मंडला जिला कार्यात्मक रूप से साक्षर हो गया है।
वन में रहने वाले आदिवासियों को बनाया साक्षर
2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के मंडला जिले में 2.25 लाख से अधिक लोग साक्षर नहीं थे जिनमें से अधिकतक तो वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी नागरिक थे। हर्षिका सिंह के अभियान का असर ये हुआकि 100 फीसदी लोगों को अपने स्वयं के लिए पढ़ने लिखने और गणना करने के लिए भी सक्षम बनाया गया। आपको बता दें कि 2012 बैच की IAS अधिकारी हर्षिका सिंह (IAS Harshika Singh) जिला पंचायत टीकमगढ़ की CEO भी रही हैं। इसके बाद उन्हें मंडला कलेक्टर के रूप में नियुक्ति किया गया। इसके बाद उन्होंने इंदौर नगर निगम के आयुक्त के रूप में कार्य किया और अब कौशल विकास विभाग के निदेशक के रूप में नियुक्त हैं।