जयपुर। रविवार को पुस्तक पाठक संगम की ओर से भगवान महावीर के 2650 वें जन्मोत्सव (Mahavir Jayanti 2024) के उपलक्ष्य में जयपुर के गायत्री नगर ए, महारानी फार्म ,दुर्गापुरा स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर (Shri Digambar Jain Mandir) में शाम 3 बजे पाठकों के संगम के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम डॉ. धर्मचन्द्र जैन द्वारा लिखित पुस्तक “तीर्थंकर महावीर” पर चर्चा केंद्रित रही। भारत के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर जन-जन के है।
महावीर भगवान (Mahavir Bhagwan) के जन्म से लेकर निर्वाण तक की यात्रा पर सभी उपस्थित पाठकों ने चर्चा की। डॉ. महावीर जी ने भगवान महावीर के कल्याणकारी संदेशों – जिसमें प्रमुख जो सुना नहीं उसे सुनो, जो सुना उसे स्मरण रखो, नए दोष कर्मों को रोको, पुराने पाप कर्मों को नष्ट करे, सम्यक् ज्ञान की शिक्षा प्रदान करो, जिसका कोई नहीं, उसके बनो, ग्लानि रहित सेवा भाव अपनाओ, निष्पक्ष रहो है। इन संदेशों को मनोज कुमार ने भी बताते हुये महावीर के सिद्धान्तों को वर्तमान जीवन शैली में सरलता से अपनाने पर बातचीत की। महावीर ने भेदों से ऊपर उठकर संघ बनाया, जिसमें समानता थी।
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डा. सतेन्द्र जैन ने भगवान महावीर के द्वारा 4 दानो- अभयदान, आहारदान, औषधिदान और ज्ञानदान की महिमा बताई। पुस्तक पाठक संगम (बुक रिडर्स क्लब) की संचालिका डॉ. दर्शना ने कहा- रिडर्स क्लब का उद्देश्य समाज और विशेषकर युवाओं में स्वाध्याय को बढ़ावा देना है, जिससे अपने अपने क्षेत्र में सामाजिक मूल्यों को जीवित रखते हुए कार्य किया जा सके। कार्यक्रम का संचालन कुणाल ने किया। डॉ. दर्शना ने मंदिर कमेटी और पाठकों का आभार किया।
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