गुजरात के गिर जंगल में रहने वाले शेरों पर भी बिपरजॉय तूफान का खतरा मंडरा रहा है। भीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय से बचाने के लिए राज्य सरकार ने 184 टीमें बनाईं। ये टीमें जंगली जानवरों के बचाव, तेजी से कार्रवाई, पेड़ हटाने सहित विभिन्न ऑपरेशन को अंजाम देगी। फिलहाल ये सभी निगरानी टीमें तटीय इलाको में रहने वाले 40 शेरों पर विशेष नजर बनाए हुए है। शेरों के इलाके में सात नदियां और छोटे तालाब हैं। जब भी तेज बारिश होती है इन सभी नदी-तालाबों में पानी का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए टीमों को इन क्षेत्रों पर विशेष नजर रखने के लिए वहीं तैनात किया गया है।
सैटेलाइट से की जा रही मॉनिटरिंग
शेरों को तूफान से किसी तरह का नुकसान ना हो इसके लिए उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। शेरों की मॉनिटरिंग के लिए सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। वन विभाग ने शेर ट्रेकिंग मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया है जो कि उच्च तकनीक से लैस है। यह शेरों की निगरानी करने के लिए बहुत ही अच्छे तरीके से काम करेगा। इस खास ट्रेकिंग सिस्टम में कुछ विशेष शेरों के लिए रेडियो कॉलर भी लगाए गए हैं। ये रेडियो कॉलर सेटेलाइट लिंक के जरिए मॉनिटरिंग सेल में शेरों की एक्टिविटी को रिकॉर्ड करेंगे।
पीएम मोदी ने ली सुरक्षा की जानकारी
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल बिपरजॉय की स्थिति पर पूरी तरह नजर रख रहे हैं। पटेल ने वन विभाग से कहा कि जंगल में रहने वाले जानवरों को भी तूफान से सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रबंध किए जाए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात सीएम से फोन पर बात कर तूफान से हुए नुकसान और शेरों की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों की जानकारी ली।