PhD New Rules 2024: यूजीसी ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए पीएचडी करने के लिए अब पोस्ट ग्रेजुएशन करने की बाध्यता को खत्म कर दिया है। अब चार साल ग्रेजुएशन डिग्री वाले छात्र सीधे पीएचडी के लिए पात्र माने जाऐंगे। अगर उनके पास 75% कुल अंक या समकक्ष ग्रेड है, तो ऐसे ग्रेजुएशन डिग्री वाले छात्र पीएचडी के लिए पात्र होंगे। इसके साथ ही नेशनल पात्रता परीक्षा-नेट में भी इनको पात्र माना जागएा। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी यूजीसी ने इस महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में बताया है।
पोस्ट ग्रेजुएशन के बिना करेंगे पीएचडी
अब नए नियम के तहत पीएचडी करने के लिए छात्रों को चार सालों के ग्रेजुएशन कोर्स में 75 परसेन्ट या इसके समकक्ष ग्रेड की जरूरत होगी। अभी तक के नियम के मुताबिक, नेट में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी की 55 प्रतिशत के साथ पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी था। लेकिन नए नियम के लागु होने के बाद चार सालों की स्नातक डिग्री वाले छात्र भी नेट की परीक्षा में और सीधे पीएचडी करने के पात्र होंगे। सब्जेक्ट का भी दायरा तय नहीं होगा और ऐसे में अभ्यर्थी किसी भी विषय में पीएचडी कर सकता है।
विषय की बाध्यता खत्म
पहले जिस विषय में आप ने स्नातक किया है उसी विषय में पीएचडी करने की बाध्यता थी। लेकिन अब नए नियम में आप किसी भी विषय से है तो भी आप अन्य विषय में पीएचडी कर सकते है। ऐसा करने से छात्रों को ज्यादा लाभ होगा और इससे शोध करने के प्रति छात्रों का उत्साह बढ़ेगा।
नए नियम
नए नियमों के कुछ शर्तें भी रखी गई है। चार साला यूजी कोर्स पूरा करने वाले छात्र इस नए सिस्टम में पात्र माने जाएंगे। इसके लिए 75 प्रतिशत मार्क्स हासिल करने की शर्त है। आरक्षण के पात्र अभ्यर्थियों को यहां अंकों के मामले में छूट दी जाएगी। नियमों में बदलाव करने के बाद रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस शुरू हो गया है और आखिरी तारीख 10 मई है।
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