Aaj ki Hadees 25 April 2024 : नबी-ए-क़रीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की कही गई बातों को ही हदीस कहा जाता है। इस्लाम में कुरान शरीफ के बाद हदीस को ही महत्व दिया जाता है। सरकारे मदीना ने जो कह दिया वह होकर रहता है ऐसा मुसलमानों का ईमान है। आखिरी रसूल हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बाद अब कोई नबी नहीं आयेगा। इस्लाम में गुरुवार यानी जुमेरात के दिन को बहुत महत्व दिया गया है। मुस्लिम बंधु गुरुवार को जुमेरात कहते हैं क्योंकि यह जुम्मा (शुक्रवार) से एक दिन पहले आता है। बृहस्पतिवार को अरबी में यौम अल-खमीस कहा जाता है। हम आपको जुमेरात के दिन आज की हदीस (Aaj ki Hadees 25 April 2024) बताने जा रहे हैं। ये हदीस जुमेरात की फजीलत पर आधारित है। हम आपको रोजाना इसी तरह की हदीस से वाकिफ करवाते रहेंगे। रब हमें इसकी जज़ा अता फरमाएं।
यह भी पढ़ें : आज की हदीस, बुध के दिन प्यारे नबी की प्यारी बातें जान लें
आज की हदीस, जुमेरात गुरुवार के दिन नबी का फरमान
(Aaj ki Hadees 25 April 2024)
अबू हुरैरा रज़िअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि
“जिसने जुमा की रात यानी जुमेरात में सूरह कहफ़ पढ़ी उसके और बैतुल्लाह के दरमियाँ नूर की रोशनी हो जाती है।”
संदर्भ – सहीह अल-जामेअ, 6471
यह भी पढ़ें : Jumerat ki Dua: जुमेरात को सिर्फ ये दुआ पढ़ें, 24 घंटे में मुराद पूरी होगी!
जुमेरात को क्या करना चाहिए ?
जुमेरात की शाम मगरिब की नमाज के बाद (Jumerat Ki Fazilat in Islam) से ही जुम्मे का दिन शुरु हो जाता है। यही वजह है कि मगरिब की नमाज के बाद जो शख्स दुरूद शरीफ की कसरत करता है तो उसे बहुत ज्यादा सवाब मिलता है। गुरुवार के दिन मुस्लिम बंधु फातिहा लगाते हैं। जो बुजुर्ग कब्र में जा चुके हैं, उनकी मगफिरत की दुआएं करते हैं। कब्रिस्तान में जाकर उनके लिए फातिहा पढ़ते हैं। घर में मासूम बच्चों को मीठा खाना या लपसी बनाकर खिलाते हैं। अल्लाह हमें भी मगफिरत तलब करने की तौफीक अता फरमाएँ। खासकर युवा मुस्लिमों और महिलाओं के बीच में ये पोस्ट जमकर शेयर करें।
नोट (Disclaimer)
ये तमाम हदीस सहीह बुखारी मुस्लिम (Sahih Bukhari Muslim Hadith) से संदर्भ के तौर पर हिंदी में अनुवादित की गई है। हमारा मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। लेकिन अगर फिर भी हमसे कोई कमी पेशी गलती होती है तो अल्लाह के वास्ते हमें माफ करें।