भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहा आंदोलन अब पहलवानों के बीच में ही शुरु हो गया है। रेसलर्स का आपस में ही ट्विटर वॉर शुरु हो गया है। महिला पहलवान साक्षी मलिक का कहना है कि उन्हें बृजभूषण के खिलाफ धरना देने के लिए BJP नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने मोटिवेट किया था। यहां तक की जंतर-मंतर पर धरने की परमिशन भी उन्होनें ही ली थी। वहीं धरने की परमिशन दिलाने के साक्षी मलिक के दावे को बबीता फोगाट ने रविवार को गलत करार दिया। बबीता ने कहा कि जो परमिशन लेटर साक्षी मलिक ने बताया उसमें मेरी सहमति का कोई भी प्रमाण नहीं है।
दरअसल साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने शनिवार को सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो का टाइटल था 'द ट्रूथ'। इसके जरिए साक्षी मलिक ने दावा करते हुए कहा कि धरने के लिए बबीता फोगाट और तीर्थ राणा वे मोटिवेट किया था। इस वीडियो में वो पहलवान साक्षी ने खुद ही सवाल किए और खुद ही जवाब भी दिए। इस दौरान साक्षी ने 2 खास बातें कही। पहली ये कि जिस दिन हमने संसद भवन का कूच किया हमें नहीं पता था कि संसद भवन का उद्घाटन है। महिला महापंचायत की कॉल हमारी नहीं महम में हुई पंचायत में बुजुर्गों व खाप प्रतिनिधियों ने दी थी। दूसरी बात साक्षी ने कही कि गंगा में मेडल बहाने गए तो बजरंग पूनिया को गुमराह किया गया। वहां ऐसी स्थिति बना दी गई कि अगर मेडल बहाते तो हिंसा हो सकती थी।
भाजपा नेता बबीता फोगाट ने साक्षी मलिक के वीडियो पर रविवार को जवाब दिया। बबीता ने कहा, जब मैं अपनी छोटी बहन (साक्षी मलिक) और उनके पतिदेव (सत्यव्रत कादियान) का वीडियो देख रही थी उस समय मुझे बड़ा दुख भी हुआ और हंसी भी आई। मैं स्पष्ट कर दूं कि जो परमिशन लेटर मेरी छोटी बहन ने दिखाया है उससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरी सहमति का कोई प्रमाण नहीं है।
बबीता ने यह भी कहा कि एक महिला खिलाड़ी होने के नाते मैं हमेशा देश के खिलाड़ियों के साथ हूं। लेकिन कभी भी धरना प्रदर्शन के पक्ष में नहीं थी। मैनें पहलवानों से ये कहा कि आप प्रधानमंत्री या गृहमंत्री से मिलो। समाधान वहीं से होगा, लेकिन आपको समाधान दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और प्रियंका गांधी और उसके साथ आ रहे उन लोगों के पास दिख रहा था, जो खुद बलात्कारी एवं अन्य मुकदमे के दोषी हैं।'