Geothermal Energy: ज्वालामुखी का नाम सुनते ही हमारे जहन में तबाही और बर्बादी का मंजर ही सामने आता है। क्योंकिं ज्वालामुखी से निकलने वाले लावे की विनाशलीला हमने और आपने कई बार देखी है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इसी ज्वालामुखी से धरती पर कई सारे बदलाव होने के साथ ही ये हमारी रोज मर्रा की जिन्दगी के लिए फायदेमंद भी है। तो चलिए आज जानते हैं ज्वालामुखी से निकलने वाले दहकते हुए गर्म लावा से हमें क्या फायदा होता है।
ज्वालामुखी दैनिक कार्यों में लाभदायक
ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा में कई सारी ऐसी बहुमू्ल्य चीजें भी निकलती है जो हमारे दैनिक जीवन को आसान बनाती है। आप सोच रहे होंगे कि ऐसी क्या चीजें हो सकती हैं। तो आपको जानकारी देदें कि ज्वालामुखी से कई प्रकार के मिनरल्स और बिल्डिंग मैटेरियल भी प्राप्त होता है। इसी तरह से ज्वालामुखी से निकलने वाली राख और परलाइट से क्लीनर साबुर और पॉलिश की कई सारी चीजें बनाई जाती हैं। साथ ही इससे निकलने वाले लावा में कुछ पदार्थों से दवाईयां भी बनाई जाती हैं। जो कई रोगों में काम आती है।
यह भी पढ़ें: National Science Day: भारत की देन है टीवी और मोबाइल, वो बड़ी खोज जिसने दुनिया बदल दी!
जियोथर्मल एनर्जी
पृथ्वी के एकदम केंद्र में बहुत अधिक हीट होती है ये लगभग 4000 डिग्री सेल्सियस तक होती है। इसी कारण पृथ्वी के केंद्र में मौजूद कुछ चट्टानें पिघल जाती हैं। और जब ये पिघलती हैं तो इस लावा या मैग्मा कहा जाता है। इस हीट के कारण पृथ्वी की एक परत मेंटल प्लास्टिक की तरह हो जाता है क्योंकिं इसके कुछ हिस्से संवहन करने लगते हैं। क्योंकि यह आस पास के हिस्सो की तुलना में हल्का होता है। आपको बता दें कि पृथ्वी के अंदर इतनी ऊष्मा है कि इसमें मौजूद चट्टान और पानी लगभग 370°C तक गर्म हो सकते हैं। और ये जियोथर्मल एनर्जी पृथ्वी के अन्दर कई मील नीचे तक पाई जा सकती है। जिसका उपयोग बिजली बनाने में किया जाता है।
यह भी पढ़ें: मंगल ग्रह पर मिला एलियन स्पेस शिप का ढांचा, NASA के हेलीकॉप्टर ने ढूंढा
जियोथर्मल एनर्जी से बिलजी बनाना
ज्वालामुखी बहुत गर्म लावा उगलते हैं। इन ज्वालामुखी से निकलने वाली हीट जमीन के नीचे उपस्थित पानी को गर्म कर देती है। इसी चीज को फायदा उठाकर वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया और पाया कि इन जगहों पर पाइप्स और टरबाइन लगाकर बिजली पैदा की जा सकती है।